छुट्टी पर संशय के बीच बोर्डिंग स्कूलों ने बच्चों को घर ले जाने को कहा

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नैनी
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नैनीताल, कोरोना वायरस को लेकर देशभर में मचे हाहाकार के बीच उत्तराखंड सरकार द्वारा देर शाम प्रदेश के 12वीं तक के सभी स्कूलों को 31 मार्च तक बंद रखने का आदेश पर जनपद एवं जनपद मुख्यालय में सुबह तक संशयपूर्ण स्थिति रही।
आदेश की प्रति विभागीय अधिकारियों को भी प्राप्त न होने एवं इससे पहले सोशल मीडिया पर पहले बिना तारीख व मेमो के तथा बाद में तारीख व मेमो के साथ वायरल हुए पत्र की सत्यता पर लोग कयास लगाते रहे। बाद में प्राइवेट व नगर पालिका संचालित स्कूलों तथा कान्वेंट कॉलेजों आदि के बारे में आदेश में साफ-साफ जिक्र न होने के कारण संशयपूर्ण स्थिति बनी। जिम्मेदार अधिकारियों ने भी अपनी ओर से स्थिति साफ करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। इस कारण मुख्यालय में सुबह तक कॉन्वेंट कॉलेजों के बारे में संशय बना रहा।
सुबह सात बजे के बाद मुख्यालय के सेंट जोसफ व सेंट मेरीज कॉन्वेंट कॉलेजों आदि ने अगली सूचना तक स्कूल बंद होने का संदेश भेजा। इसके बावजूद कई बच्चे देर से संदेश मिलने के कारण स्कूल चले भी गए लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। अलबत्ता दोपहर तक बोर्डिंग सुविधा वाले इन विद्यालयों ने एक अन्य संदेश भेजकर बोर्डिंग में रहने वाले अभिभावकों को भी राज्य सरकार के आदेश के हवाले से यथाशीघ्र आकर अपने बच्चों को ले जाने को कह दिया।
इस बारे में नैनीताल के जिलाधिकारी सविन बंसल ने भी आदेश आने की पुष्टि करने के साथ ही कहा कि शासन से स्पष्ट निर्देश प्राप्त किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल पहले ही बोर्ड परीक्षाएं चलने के कारण बंद हैं। निजी विद्यालयों के बारे में आदेश में अलग से कुछ भी साफ नहीं कहा गया है। इसलिए स्थिति साफ होने में समय लग सकता है। नगर के नैनी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य गिरीश सनवाल ने बताया कि सोशल मीडिया पर पहले बिना तिथि व मेमो के तथा बाद में तिथि व मेमो के साथ वायरल हुए आदेश पर शिक्षा विभाग के अधिकारी भी स्थिति साफ नहीं कर रहे हैं। इसलिए सत्र की शुरुआत में ही स्कूलों को खोलने या बंद रखने तथा गृह परीक्षाओं पर संशयपूर्ण स्थिति बनी हुई है।