ईमानदारी केवल किताबों में ही नहीं है। हकीकत की दुनिया में ईमानदारी आज भी जिंदा है। अक्सर लोग इसे साबित भी करते हैं। राजकीय इंटर कालेज भेल सेक्टर वन के 11वीं के छात्र ज्वालापुर के नील खुदाना निवासी उजैर ने सड़क पर पड़े मिले ढाई लाख रुपये लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश की है।
स्कूल के प्रधानाचार्य सुनित कुमार, शिक्षिका अंजू सैनी, कविता शर्मा, नुसरत बेगम, ज्योति बिजलवान, शिक्षक सतीश सैनी, मुकेश कुमार, प्रदीप कुमार आदि ने उजैर को पुरस्कार प्रदान कर आशीर्वाद दिया।
उजैर ने बताया कि शनिवार को स्कूल की छुट्टी होने पर वह साइकिल से अपने घर ज्वालापुर लौट रहा था। वापस लौटते भेल मैट्रियल गेट के निकट स्कूटी से जा रहे एक व्यक्ति का थैला गिर गया। थैला गिरते देख उसने स्कूटी सवार को कई आवाजें लगाई। लेकिन जल्दबाजी में जा रहे स्कूटी सवार ने आवाज नहीं सुनी। तब उसने थैला उठाकर देखा तो उसमें कुछ कागजात और काफी रुपये थे। उसने थैला उठाया और स्कूटी सवार को ढूंढते हुए ट्रेनिंग स्कूल के चौराहे के समीप पहुंचा तो वह बदहवास स्थिति में सड़क पर कुछ ढूंढता हुआ मिल गया।
उजैर ने जब उससे जानकारी की और यह पक्का हो गया कि थैला उसी का था तो उसने अपने बैग में सुरक्षित रखा थैला और उसमें मौजूद पैसे उस व्यक्ति को वापस कर दिए। इस पर वह व्यक्ति बहुत खुश हुआ उसने बताया कि वह अपनी बहन की शादी के लिए बैंक से पैसा निकाल कर ले जा रहा था।
प्रधानाचार्य सुनित कुमार ने उजैर ने प्रशंसा करते हुए कहा कि ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए रास्ते में पड़ी मिली ढाई लाख रुपये की रकम उसके वास्तविक स्वामी को वापस कर अपने परिजनों और विद्यालय का नाम रोशन किया है। विद्यालय के सभी शिक्षिकों, शिक्षिकाओं व छात्र छात्राओं को गर्व है। अपने पुत्र की इस ईमानदारी पर उजैर के माता पिता ने भी फख्र महसूस करते हुए उसकी की प्रशंसा की।