शिशु ही नहीं मां को भी होते हैं स्तनपान कराने से ढेरों लाभ-डॉ. विदिशा

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डोईवाला- स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) सामुदायिक चिकित्सा विभाग की ओर से विश्व स्तनपान सप्ताह जागरुकता शिविर आयोजित किया जा रहा है। पहले दिन निशुल्क शिक्षण संस्थान पेन-इंडिया स्कूल में महिलाओं को स्तनपान से जुड़ी भ्रांतियों के साथ शिशु व मां को होने वाले लाभ की जानकारी दी।

पेन-इंडिया फाउंडेशन की ओर से निशुल्क संचालित पेन-इंडिया स्कूल में स्तनपान जागरुकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर का स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की माताओ सहित बस्ती की अन्य महिलाओं ने भी फायदा उठाया। इस दौरान हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की डॉ.विदिशा वल्लभ ने कहा कि दुनियाभर में माताओं को स्तनपान कराने को लेकर साप्तहिक जागरुकता अभियान चलाया जाता है। इससे पहले इससे पहले पेन-इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक व अध्यक्ष अनूप रावत सहित बच्चों ने स्मृति चिह्न के रुप में राष्ट्र ध्वज देकर सभी डॉक्टर्स का स्वागत किया। शिविर संचालन में डॉ.चक्षु, डॉ.दीप्ति सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुनीता सहित वॉलंटियर शिक्षिका ऋतु शर्मा व दीपालिका नेगी ने सहयोग दिया।

मां का दूध शिशु के लिए अमृत
डॉ.विदिशा वल्लभ ने बताया कि, “मां के दूध में प्रोटीन, वसा कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा व पानी की मात्रा पर्याप्त रूप में होती है। उन्होंने कहा कि शिशु के लिए मां का दूध मस्तिष्क विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है, साथ ही आगे चलकर जो बच्चे मां का दूध लेते हैं उनमें डायबटीज व हाइपरटेंशन होने की संभावना कम रहती है।”

छह माह तक सिर्फ मां का ही दूध पिलाएं
डॉ.अभिनव सिंह ने बताया कि, “स्तनपान बच्चे के लिए अमृत हैं, बच्चे को 6 माह तक मां का ही दूध पिलाएं व 6 माह के बाद दो साल तक आहार के साथ मां का दूध पिलाते रहें, इससे बच्चा स्वस्थ रहने के साथ उसकी रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी।”

स्तन कैंसर की संभावना कम हो जाती है
डॉ.प्रज्ञा सिंह ने बताया कि, “स्तनपान कराने से महिलाओं में स्तन कैंसर की संभावना कम रहती है। शिशु को स्तनपान कराने से मां में खून बहना व एनीमिया की संभावना को कम करता है।”