रैणी में वैली ब्रिज तैयार, कल से शुरू हो सकती है आवाजाही

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रैणी
ऋषि गंगा में 7 फरवरी को आई आपदा में नीती घाटी और तिब्बत सीमा को जोड़ने वाला रैणी का एक मात्र मोटर वाहन पुल जमींदोज हो गया था। इस वजह से सड़क संपर्क से 13 गांव पूरी तरह कट गए थे। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 7  फरवरी को ही रैणी पंहुचकर वैली ब्रिज निर्माण सर्वे प्रक्रिया शुरू की।
बीआरओ ने इस दौरान ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट के अंदर से उस ओर वैली ब्रिज तैयार करने के लिए सर्वे किया।  ऋषि गंगा की ओर एबेडमेंट निर्माण के लिए मजबूत चट्टान व स्थान नहीं मिलने के कारण बीआरओ को ध्वस्त हो चुके पुल के पास ही नए स्थान का चयन करना पड़ा। बीआरओ ने सैकड़ों मजदूरों और मशीनों को झोंक पर  ब्रिज तैयार कर दिया है। इस ब्रिज से ग्रामीणों की आवाजाही के अलावा भारत-चीन सीमा की अग्रिम चौकियों में तैनात जांबाजों के साथ ही बड़े सैन्य वाहनों की आवाजाही होगी।
बीआरओ की शिवालिक परियोजना के मुख्य अभियंता एएस राठौड़ का कहना है कि  रैणी मे वैली ब्रिज तैयार कर लिया गया है। शुक्रवार से इस पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकती है।