केन्द्रीय बजट से स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आएगा : नड्डा

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केन्द्र का बजट समावेशी बजट है। यह बजट मोदी सरकार के लक्ष्य सबका साथ सबका विकास की ओर उठाया गया अहम कदम है। यह कृषि और किसानोन्मुखी बजट भी है। यह कहना है उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी जेपी नड्डा का। वे आज यहां भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने केन्द्रीय बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह बजट लैंडमार्क बजट है। यह आजाद भारत में पहली बार हुआ कि रेल बजट और आम बजट एक साथ आया। यह बजट सूत्र वाक्य सबका साथ सबका विकास पर चल रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बजट गरीबोन्मुख, महिला उत्थानोन्मुख, युवा उन्मुख, कृषि और किसानोन्मुख है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो पिछले साल की तुलना में इस बार स्वास्थ्य की धनराशि में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले साल के 37061.55 हजार करोड़ की तुलना में इस बार 47352.51 हजार करोड़ से अधिक का प्रावधान स्वास्थ्य के लिए किया गया है जिससे देश की स्वास्थ्य सुविधाओं में आधारभूत परिवर्तन होगा। इससे हम शहरी और ग्रामीण भारत में इससे बहुत कुछ कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस साल हम पैरालिसिस और फाइलेरिया के उन्मूलन की दिशा में बड़ा काम करेंगे। स्वास्थ्य शिक्षा में 5 हजार पीजी सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे हमारे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आएगा। नड्डा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार झूठा आरोप लगाती है कि उसको केन्द्र पैसा नहीं दे रही जबकि पिछले साल 1942 करोड़ रुपया उत्तराखंड को एनएचएम में दिया गया था। लेकिन उसमें से 139 करोड़ रुपया की पहली किस्त राज्य के खजाने में 91 दिनों तक बेकार पड़ी रही। सरकार ने इसे रिलीज नहीं किया। जबकि स्वास्थ्य का मामला बेहद संवेदनशील होता है। उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर 2016 की क्लोजिंग के बाद भी अभी तक सरकार के खजाने में केंद्र का 179 करोड़ रुपया पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हरीश रावत सरकार के पास विकास का विजन ही नहीं है। इसलिए इस बार ऐसी लापरवाह सरकार को बदलना जरूरी है।
एक प्रश्न के जवाब में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सुपर स्पेसिलिटी ब्लॉक के लिए किसी भी कॉलेज को केंद्र सरकार 200 करोड़ रुपये दे सकती है। हम स्वास्थ्य शिक्षा को मजबूती देने के लिए हम ऐसा करेंगे।