देहरादून। 31 जुलाई के बाद रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाले बिल्डरों ने पेनल्टी में राहत देने की मांग की है। इसको लेकर उत्तराखंड रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व सचिव आवास अमित नेगी को ज्ञापन भेजा है। बिल्डरों ने उत्तर प्रदेश, गुजरात, गोवा समेत तमाम राज्यों का हवाला देते हुए यह मांग उठाई।
ज्ञापन में एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश बत्ता ने कहा कि रियल एस्टेट का कारोबार पहले ही मंदी की मार से जूझ रहा है। ऐसे में उन पर पेनल्टी लगाई जाएगी तो बिल्डरों को भारी नुकसान झेलना पड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट नया है और ऐसे में कई बिल्डर पंजीकरण के लिए तमाम औपचारिकताएं पूरी करने में व्यस्त रहे और 31 जुलाई की तारीख निकल गई। जबकि कई बिल्डरों ने अधूरे दस्तावेज जमा किए हैं, जिस कारण अभी तक भी अधिकतर का पंजीकरण नहीं हो पाया।
हालांकि वह पेनल्टी से बच गए। लिहाजा, ईमानदारी के साथ काम कर रहे अन्य बिल्डरों को भी रेरा में राहत दी जानी चाहिए। अध्यक्ष बत्ता ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों ने भी नए कानून को देखते हुए बिल्डरों को समय की मोहलत दी है। लिहाजा, उत्तराखंड सरकार से मांग की गई है कि अन्य राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन करते हुए नवम्बर माह तक रियायती रूप से पेनल्टी लगाई जानी चाहिए। ताकि मंदी की मार झेल रहे बिल्डरों को कुछ राहत मिल सके।