राज्य विकास के लिए उद्योग जरूरी : त्रिवेन्द्र

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विवेकानंद विचार मंच एवं सिडकुल इंटरप्रेन्योर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित ’चिंतन-मनन संगोष्ठी’ का मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि उद्योग और सेवा क्षेत्र के लोग एक साथ मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के संपूर्ण विकास के लिए उद्योग बहुत जरूरी हैं। क्योंकि उद्योगों से हमारी आवश्यकताएं पूरी होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बनने के बाद उनके द्वारा अधिकारियों से कहा गया है कि हमें उद्योगों के प्रति दोस्ताना रवैया बनाना होगा। उद्योग राज्य में स्थापित हो सकें, इसके लिए हमें लगातार प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने उद्योग जगत को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उद्योगों के सहयोग के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने उद्योग जगत से अनुरोध किया कि वे उद्योगों के लिए जो भी कार्य योजना बनाएं, संपूर्ण राज्य के हित को दृष्टिगत रखते हुए बनाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड में कानून-व्यवस्था काफी अच्छी स्थिति में है। उन्होंने कहा कि 10 करोड़ तक के किसी भी उद्योग को स्थापित करने के लिए अनुमति जिला स्तर पर ही दे दी जाएगी। इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम को लागू करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों को गन्ने का बकाया मूल्य दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इकबालपुर शुगर मिल को भी निर्देशित किया गया है कि 20 सितंबर, 2017 तक 25 प्रतिशन तक का भुगतान कर दिया जाए और बाकी का भुगतान कार्य शुरु होने के बाद कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी चीनी मिलों को वर्ष में कम से कम 120 दिन तक चलना चाहिए। किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रुपए तक का ऋण दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम सेवा के अधिकार अधिनियम के तहत कुछ अन्य जरूरी सेवाओं को भी शामिल कर रहे हैं। सरकार द्वारा 1905 हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया है। इसमें किसी भी प्रकार की शिकायत को रिकॉर्ड किया जा सकेगा। इसके उपरांत शिकायत को संबंधित विभाग को भेजा जाएगा। इसके बाद संबंधित विभाग से 10 दिन के अंदर पूछा जाएगा कि विभाग ने इस पर क्या कार्यवाही की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की किरण अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारी सरकार की प्राथमिकता है।