हरिद्वार, रेलवे ट्रैक पर आए दिन हाथियों के साथ हो रही दुर्घटनाओं पर अब मधुमक्खियों की मदद से पूरी तरह से लगाम लगाने का काम शुरू हो गया है। रेलवे ट्रैक ने हनी-बी साउंड उपकरण को मोतीचूर रेंज के फाटक पर लगा दिया है। आने वाले समय में सभी ट्रैक पर साउंड बॉक्स और लाउड स्पीकर लगा दिया जाएगा।
ये सिस्टम हाथियों के रेलवे ट्रैक के पास आने के समय जोर-जोर से बजने लगेगा और हाथी रेलवे ट्रैक से दूर चले जाएंगे। पहला हनी-बी साउंड सिस्टम हाथियों का कॉरिडोर कहलाने वाले मोतीचूर रेलवे ट्रैक पर लगाया गया है। अब साउंड सिस्टम से जोर-जोर से मधुमक्खियों की भिन्न-भिनाहट की आवाज निकलते ही हाथी रेलवे ट्रैक से हट जाएंगे। इस रेलवे ट्रैक में लगे उपकरण की वजह से अगर हाथी दूर भागते हैं तो इसे सारी जगह लगवाया जाएगा।
रेलवे और वन विभाग अपनी इस संयुक्त पहल को लेकर अन्य ट्रैक पर भी शुरू करेंगे। दरअसल, हाथियों को मधुमक्खियों की आवाज बिल्कुल भी पसंद नहीं होती। इसे वो 400 से 600 मीटर की दूरी से ही सुन लेते हैं। आवाज सुनकर हाथी उस जगह की ओर आगे नहीं बढ़ते जहां से आवाज आ रही होती है। इसलिए मधुमक्खियों से निकलने वाली आवाज इंटरनेट से डाउनलोड कर साउंड बॉक्स में रखी जाती है, जिसे लाउड स्पीकर में बजाया जाता है। यह उपकरण क्रॉसिंग स्थल और पटरियों से लगे महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाए जा रहे हैं।