सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित करने को मंजूरी

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    लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शनिवार को राज्य सचिवालय के विश्वकर्मा भवन में स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार पंचल तल में मंत्रिमंडल की पहली बैठक आयोजित की गई। कैबिनेट बैठक में सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए सभापति और सदस्यों के लिए आरक्षित करने को मंजूरी दी गई। साथ ही महासू देवता मंदिर का मास्टर प्लान के तहत प्रभावित परिवारों के विस्थापन की नीति को मंजूरी दी गई।

    कैबिनेट बैठक में उच्च शिक्षा, शहरी विकास, आवास, वित्त, राजस्व, कार्मिक, नियोजन समेत कई अन्य विभागों के कुल 12 प्रस्तावों पर मुहर लगी।

    कैबिनेट बैठक समाप्त होने के बाद सचिव शैलेश बगोली ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में धामी सरकार के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि धामी सरकार ने सहकारी समितियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने को लेकर 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए सभापति और सदस्यों के लिए आरक्षित किया है। उत्तराखण्ड सहकारी समिति (संशोधन) नियमावली, 2004 के नियम-80, 81, 415, 456, 470-क एवं 473 और उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली, 2018 के नियम-28 एवं 47 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। अभी तक दो पद ही महिलाओं के लिए आरक्षित होते थे।

    बैठक में ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत विद्युत सुरक्षा विभाग के पदीय ढांचे के पुर्नगठन को मंजूरी मिली। वर्तमान पदीय ढांचे में सृजित 65 पदों के सापेक्ष 123 पदों को पुर्नगठित विषयक विभागीय प्रस्ताव के सापेक्ष मंत्रिमण्डल की ओर से 80 पदों के सृजन प्रस्ताव एवं पुर्नगठन पर अनुमोदन प्रदान किया गया। परिवार न्यायालय का क्षेत्रीय सम्मेलन 6 व 7 अप्रैल को हुआ था, जिसमें 1 करोड़ खर्च को मंजूरी दी गई है। चिकित्सा विभाग के तहत एफडीआई में मोबाइल इकाइयां फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स के संचालन के लिए 8 पद आउटसोर्सिंग से भरने का निर्णय लिया गया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के तहत ही राज्य में फूड सेफ्टी इकोसिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए गढ़वाल मण्डल के अन्तर्गत देहरादून में खाद्य विश्लेषणशाला स्थापित किये जाने एवं विश्लेषणशाला के लिए 13 पद सृजन को मंजूरी मिली है। जिससे राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला रूद्रपुर में खाद्य नमूनों का दबाव कम होगा।

    बैठक में शहरी परिवहन के विकास, संचालन, रखरखाव, निगरानी और पर्यवेक्षण को विनियमित करने के लिए उत्तराखंड एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण विधेयक 2024 को मंजूरी मिली। स्टेट के शहरी क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए यह विधेयक है। शहरी क्षेत्रों में बिजली, पानी की योजनाओं को इससे मंजूरी जरूरी होगी। राज्य में उत्तराखण्ड यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के प्रबन्धन एवं नियंत्रण के लिए विधेयक की आवश्यकता प्रतीत हुई है। विधेयक का ड्राफ्ट केरल राज्य के मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिनियम, 2019 के आधार पर तैयार किया गया है।

    आवास विभाग के अन्तर्गत विभिन्न प्राधिकरण में मिनिस्टीरियल कार्मिक की नियमावली को मंजूरी मिली है। राज्य के विभिन्न प्राधिकरणों में मिनिस्ट्रियल वर्गीय संवर्ग में केन्द्रीयित एवं अकेन्द्रीयित सेवा के संबंध में कार्मिक विभाग की नियमावलियों को अंगीकृत करने और नियुक्ति प्राधिकारी नियत करने के संबंध में निर्णय लिया गया।

    प्राधिकरणों में लिपिक वर्ग और वैयक्तिक सहायक संवर्ग में भर्ती के लिए नियमावली प्रख्यापित नहीं है, जिस कारण प्राधिकरणों में सृजित सीधी भर्ती के पदों पर चयन की कार्यवाही नहीं हो पा रही है।

    कैबिनेट बैठक में सरकार के कार्मिकों के वेतन खातों को कारपोरेट सेलरी एकाउन्ट/पैकेज की सुविधा प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। वित्त कर्मियों के वेतन खातों का किसी न किसी बैंक में खाता होता है। बैंक सुविधा देते हैं, लेकिन कर्मियों को लाभ नहीं मिल रहा था। स्टेट बैंक, बड़ोदा, यूनियन और केनरा बैंक में जिनके भी खाते होंगे, उनके कर्मचारियों को एक्सीडेंटल बीमा की सुविधा मिलेगी। इसके तहत 30 लाख से 01 करोड़ तक मिलेगा। अपंगता में भी मिलेगा। राज्य सरकार ने इन चार बैंकों से एमओयू के लिए डायरेक्टर ट्रेजरी को अधिकृत किया गया है।

    वित्त अधिकारियों को अलग-अलग चरणों में दिया जाएगा प्रशिक्षण

    उत्तराखण्ड वित्त सेवा के अन्तर्गत सीधी भर्ती के माध्यम से चयनित वित्त अधिकारियों के व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को मंजूदी मिली है। कर्मियों का प्रशिक्षण अलग-अलग चरणों में होगा और प्रोमोशन के बाद भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    पर्यटन नीति में संशोधन

    पर्यटन क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों के लिये नये अवसरों के सृजन एवं पर्यटन व्यवसाय के लिये निवेशकर्ताओं की सुगमता के लिए एकल खिड़की प्रणाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन नीति-2018 प्रख्यापित की गयी थी। उक्त पर्यटन नीति में उद्योगों को कई श्रेणी में विभाजित किया गया था। उक्त नीति के अन्तर्गत श्रेणी A, B एवं B में एसजीएसटी की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति का 5 वर्ष तक का प्राविधान था और 5 वर्ष के पश्चात 90, 75 एवं 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति कितने वर्षों तक की जायेगी, इसका कोई उल्लेख नहीं था। इसको संशोधित करते हुए 5 वर्ष के पश्चात एसजीएसटी की 90, 75 एवं 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति अगले 5 वर्षों तक के लिए किया गया है। इसी प्रकार लार्ज प्रोजेक्टस, मेगा प्रोजेक्टस एवं अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्टस में एसजीएसटी की 30, 50, 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति कितने वर्षों तक की जायेगी, इसका कोई उल्लेख नहीं था। इसको संशोधित करते हुए लार्ज प्रोजेक्टस, मेगा प्रोजेक्टस एवं अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्टस में एसजीएसटी की 30, 50, 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति 10 वर्ष तक किये जाने की समय सीमा निर्धारित किया गया है।

    महासू देवता मंदिर के मास्टर प्लान के लिए विस्थापन नीति

    जनपद देहरादून के अन्तर्गत महासू देवता का मास्टर प्लान बन रहा है। इसके लिए प्रभावित परिवारों के लिए विस्थापन नीति लाई गई है। उस परिसर में अधिवास कर रहे 26 परिवारों को अन्यत्र विस्थापित किया जाएगा। जिसमें अनूसूचित जनजाति के प्रभावित्त परिवारों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए एकमुश्त धनराशि और अन्य प्रावधान करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

    विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा अवधि 65 वर्ष करने का निर्णय

    उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड मिनिस्ट्रीयल संवर्गीय पदों पर संविलियन नियमावली-2024 प्रख्यापन करने और विशेषज्ञ डॉक्टर की सेवा अवधि 65 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है। अन्य विभागों/कार्यालयों से सेवा-स्थानांतरण के माध्यम से और बोर्ड कार्यालय के सुचारू संचालन के लिए उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड में सेवा स्थानान्तरण के आधार पर तैनात मिनिस्ट्रीयल संवर्गीय के सीधी भर्ती के पद (03 कनिष्ठ सहायक) कार्मिकों के समायोजन के लिए उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड में मिनिस्ट्रीयल संवर्गीय पदों पर संविलयन नियमावली 2024 को प्रख्यापित करने और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवा अवधि 65 वर्ष की गई है।