चमोली, सर्दियों में फूलों की घाटी पर निगरानी रखने के लिये इस बार प्रशासन तकनीक का सहारा लेने जा रही है। इसके लिये पार्क में छह कैमरा ट्रैप लगाये जा रहे हैं। इनकी मद से से पार्क प्रशासन वन्य जीवों के मूवमेंट के साथ साथ तस्करों पर भी नज़र रख सकेगा। इन कैमरों में कैद होने वाले डाटा का हफ्ते दर हफ्ते रिव्यू भी किया जायेगा।
एक जून को सैलानियों के लिये खोली गई फूलों की घाटी के सर्दियों के लिये 31 अक्टूबर को बंद कर दिया गया। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि “इन दिनों घाटी पूरी तरह निर्जन है। यहां करीब दो फीट बर्फ जमा है। उन्होंने बताया कि, “शीतकाल में घाटी सुरक्षा सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसी को देखते हुए कैमरा ट्रैप लगाने का निर्णय लिया गया।”
उन्होंने बताया कि, “हालांकि पार्क की टीम घाटी में नियमित गश्त के लिए जाती है, लेकिन कई बार विषम भूगोल के साथ ही और मौसम की दुश्वारियों के चलते हर जगह पहुंचना मुमकिन नहीं हो पाता। अब कैमरा ट्रैप की मानिटिरिंग से घाटी की सुरक्षा पुख्ता हो सकेगी।”
विश्व धरोहर फूलों की घाटी में जैविक विविधता का संसार है। दुर्लभ कस्तूरी मृग, स्नो लैपर्ड समेत अनेक वन्य जीव इस घाटी में हैं। शीतकाल में जब फूलों की घाटी बंद होती है तो वन्य प्रणियों के शिकारी और तस्करों के यहां घुसने और वन्य प्राणियों के शिकार करने की आशंका बनी रहती है। पूर्व में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। उसी के मद्देनजर वन विभाग वन्य प्राणियों के प्रति और अधिक सक्रिय हुआ है।
गौरतलब है कि अद्भुत वन संपदा वाली फूलों की घाटी में पांच सौ से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। इस बार घाटी के दीदार को 14965 सैलानी पहुंचे। जो कि रिकार्ड है। इससे पहले 2017 में 13754 देशी-विदेशी पर्यटकों ने घाटी के दीदार किए थे। इससे नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन को भी 25 लाख से अधिक की आय हुई।