देहरादून, छावनी परिषद लंढौर ने लाल टिब्बा स्थित बंगले के अवैध निर्माण ध्वस्त करने की एवज में मालिक से सवा चार लाख रुपये वसूले हैं। एक सप्ताह चली इस कार्रवाई में दर्जनों मजदूर व जेसीबी की मदद लेनी पड़ी थी। जिसमें कैंट बोर्ड को यह रकम खर्च करनी पड़ी थी।
कैंट बोर्ड छावनी परिषद लंढौर के मुख्य अधिशासी अधिकारी जाकिर हुसैन ने बताया कि लाल टिब्बा स्थित सेंट आसाफ के नाम से प्रसिद्ध बंगले का अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया था। ध्वस्तीकरण से पहले बंगले के स्वामी उत्तम शुगर मिल के मालिक राजकुमार अद्दलाख को नोटिस भेजकर ध्वस्तीकरण करने को कहा गया था। लेकिन उन्होंने अवैध निर्माण नहीं तोड़ा। आखिरी नोटिस भेजने के बाद कैंट बोर्ड ने कार्रवाई करते हुए इस अवैध निर्माण तोड़ दिया गया था। इसे तोड़ने में करीब एक सप्ताह का समय लगा।
कैंट बोर्ड ने दर्जनों मजूदर और जेसीबी मशीन की मदद ली थी। सीईओ ने बताया कि बंगले को तोडऩे में करीब चार लाख 15 हजार रुपये कैंट बोर्ड के खर्च हुए। जिसकी वसूली इसके स्वामी से की गई है। उन्होंने बताया कि सोमवार को कैंट बोर्ड के खाते में राजकुमार ने चार लाख 15 हजार रुपये डाल दिए हैं। इससे पहले कैंट बोर्ड ने डहेलिया बैंक हाउस को तोड़ने के बाद सचिन के दोस्त संजय नारंग से करीब 32 लाख रुपये वसूले थे।