कंकालों की कार्बन डेटिंग से खुलेंगे राज़

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आइएसबीटी ,हल्द्वानी की जमीन पर मिले नर कंकालों की जांच में जुटी पुलिस अब नई योजना बना रही है। डीएनए टेस्ट के बजाय अब पुलिस हड्डियों का रेडियो आइसोटोप डेटिंग (कार्बन डेटिंग) कराने की तैयारी है। कार्बन डेटिंग करने वाले रिसर्च इंस्टीट्यूट का पता लगाया जा रहा है। इस जांच से मृत्यु के सही दिन तक का पता लग जाएगा।

कुछ दिन पूर्व आइएसबीटी की जमीन पर खोदाई के दौरान कई नर कंकाल मिले थे। इससे पुलिस व प्रशासन में खलबली मच गई। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने तक आइएसबीटी का दौरा किया और तत्काल प्रभाव से काम रुकवाने के निर्देश दिए। पुलिस ने हड्डियों को कब्जे में लेकर जांच के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा। यहां फॉरेंसिक विभाग में प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा, डॉ. अटल और एनोटॉमी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीपा देऊपा की संयुक्त टीम ने हड्डियों की बारीकी से जांच की। जांच में कम से कम तीन लोगों की हड्डियां होने के संकेत मिले हैं। जो खोपड़ी मौके से मिली वह महिला की बताई जा रही है। जांच के बाद पुलिस टीम इन हड्डियों को डीएनए जांच के लिए भेजने की तैयारी कर रही थी। जांच अधिकारी नीरज भाकुनी ने डीएनए जांच की अनुमति के लिए अफसरों से पत्राचार किया है। वहीं, पुलिस अफसर हड्डियों की फॉरेंसिक जांच के बजाय कार्बन डेटिंग कराने की तैयारी में जुट गए हैं।

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एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूड़ी ने थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी को कार्बन डेटिंग कराने के निर्देश दिए हैं। एसएसपी के मुताबिक कार्बन डेटिंग से व्यक्ति की मृत्यु की वास्तविक तिथि का पता लगाया जा सकता है। देशभर के चुनिंदा रिसर्च इंस्टीट्यूट में यह जांच होती है। इन इंस्टीट्यूट का पता लगाया जा रहा है। साथ ही कौन-कौन से इंस्टीट्यूट करीब हैं और कार्बन डेटिंग की रिपोर्ट जल्द दे सकते हैं, इसका भी पता लगाया जा रहा है। जल्द ही ऐसे इंस्टीट्यूट को पत्राचार कर कार्बन डेटिंग की अनुमति मांगी जाएगी।