ऋषिकेश, यदि आप नगर की हृदय स्थली त्रिवेणी घाट के गंगा तट पर स्नान कर रहे हैं तो सावधानी बरतिए !आपकी जरा सी लापरवाही आपकी जान को खतरे में डाल सकती है। गंगा तट त्रिवेणी घाट पर टापू के एक छोर पर गंगा का जल स्तर महज तीन-चार फुट होने के बावजूद स्नान के लिए लगाई डुबकी सुरक्षित नही है। घाट पर जल पुलिस की चोकी के ठीक सामने एक स्पोट ऐसा भी है जहां करीब 10 फुट गहरा गड्डा है यहां पैर पड़ते ही स्नार्थियो के हाथ पांव फूल जाते हैं और वह गहरे गड्ढे मे फंसकर गंगा में समाने लगता है।
राहत की बात यह है कि इस तरह की हुई अनेकों घटनाओं में मौके पर मौजूद जल पुलिस के जवानों की सर्तकता से जानमाल की कोई हानि अब तक नही हुई है लेकिन यह खतरा लगातार स्नार्थियो पर मौत बनकर मंडरा रहा है। हैरत की बात यह है कि अनेकों मर्तबा गंगा के इस गहरे गड्डे मे फंसने के मामले सामने आने के बावजूद सुरक्षा को लेकर प्रशासन कोई कदम उठाने को तैयार नही है। इस खतरे से आगह कराने के लिए कोई साईन बोर्ड तक का ना लगाना लापरवाही की ओर स्पष्ट इशारा कर रहा है।
इस बाबत जल पुलिसकर्मियों से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि घाट का रखरखाव करने वाली गंगा सभा को इस गड्डे को भरवाने के लिए कहा गया था लेकिन अब तक इस ओर कोई कारवाई नही की गई है। बताते चले कि तीन दिन पूर्व गंगा के इसी गहरी खड्डे में फंसकर एक युवक की जान जोखिम में पड़ गई थी। मौके पर मौजूद जल पुलिस के जवान हरीश गुसाईं व हरीश कोठारी द्वारा तुरंत रेसक्यू कर युवक को सुरक्षित बचा लिया गया था।
गंगा सभा के महामंत्री राहुल शर्मा से जल पुलिस चौकी के ठीक सामने गंगा मे गहरे गड्ढे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इस बारे में अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि यदि ऐसा है तो वह जल्द ही मानसून के मौसम के आगाज से पूर्व सुरक्षा के दृष्टिगत उसे रेत के कट्टो से भरवा देंगे।