उत्तराखंड के निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सलाहकार की पत्नी की कंपनी पर 200 करोड़ की मनी लांड्रिग का मामला सामने आया है। इस मामले की जांच के लिए ईओडब्ल्यू को आदेश दिया गया है।
पुलिस एसटीएफ ने प्रारंभिक जांच में माना है कि आरोपित की म्युचुअल कंपनी ने आरडी और एफडी इंवेस्ट की आड़ में मनी लांड्रिंग की है। सोशल बेनिफिट म्युचुअल फांड लिमिटेड कंपनी के विरुद्ध 200 करोड़ की मनी लांड्रिंग का आरोप लगने के बाद पुलिस मुख्यालय में आर्थिक अपराधा शाखा को जांच के निर्देश दिए हैं। इससे पहले शासन के आदेश पर स्पेशल टास्क फोर्स ने प्रारंभिक जांच में पाया है कि आरोपित म्युचुअल फंड कंपनी में आरडी (रैकरिंग डिपाजिट) तथा एफडी (फिक्स डिपाजिट) की आड़ में मनी लांड्रिंग किया है। इस मामले में जांच ईओडब्ल्यू द्वारा करने के बाद ही आरोप की पुष्टि होगी।
जानकारी मिली है के वर्ष 2017 से 2020 तक आरोपित सोशल बेनिफिट म्युचुअल फंड कंपनी द्वारा निधि योजना के नाम से मनी लांड्रिंग का आपराधिक कृत्य किया गया। इस मामले की शिकायत खानपुर विधायक उमेश कुमार ने की है। उनका आरोप है कि 2017 से 2020 तक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के औद्योगिक सलाहकार की पत्नी ने इस कंपनी को संचालित किया था। इस मामले में उत्तराखंड के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन का कहना है कि प्रारंभिक जांच में मनी लांड्रिंग के तथ्य प्रकाश में आए हैं जिस पर जांच हो रही है। विवेचना पूरी होने पर ही मामले पर और कार्यवाही जाएगी। इस कंपनी का मुख्यालय हरिद्वार बाईपास के ब्राहमणवाला में है।
विधायक का मानना है कि जब उन्होंने मामले को उठाया तब पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार ने अपनी पत्नी से इस्तीफा दिलवा दिया था। इस कंपनी द्वारा 40 से 50 हजार लोगों के नाम से आरडी और एफडी की गई थी जिसके बाद ही यह मामला प्रकाश में आया है। सलाहकार के एक रिश्तेदार भी इस कंपनी में निदेशक रहे हैं। अब जांच के बाद ही मामले का खुलासा होगा।