उत्तराखंड : देहरादून में क्लोरीन रिसाव मामले में प्लॉट स्वामी और केयरटेकर पर मुकदमा दर्ज

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क्लोरीन

प्रदेश की राजधानी में क्लोरीन गैस रिसाव मामले में प्लाट स्वामी और प्लाट के केयरटेकर के विरुद्ध क्लोरीन गैस सिलेंडरों को खुले स्थान पर रखकर लापरवाही बरतने पर अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। मुख्यमंत्री धामी ने प्रेमनगर क्षेत्र में हुए क्लोरीन गैस रिसाव की घटना के प्रति अधिकारियों को प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये हैं।

मंगलवार तड़के राजधानी दून के थाना प्रेमनगर क्षेत्रान्तर्गत झाझरा में एक गोदाम के खाली प्लाट में रखे सिलेंडर में से एक सिलेंडर से क्लोरीन गैस का रिसाव हो गया। गैस रिसाव से स्थानीय कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इस सूचना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। सूचना पर पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम अपने उपकरणों के साथ टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने करीब 150 परिवारों को वहां से सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया और गैस रिसाव से बीमार हुए दो लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बताया जा रहा है कि प्लाट पर सात सिलेंडर रखे हुए थे। इन सिलेंडर की क्षमता नौ सौ लीटर है। एक सिलेंडर से अचानक गैस का रिसाव हो रहा था। सिलेंडरों को जेसीबी के माध्यम से पानी में डालकर मिट्टी में दबा दिया गया है, जिसे रातभर दबाया रखा जाएगा।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह स्वयं मौके पर पहुंचे और बचाव कार्यों का जायजा लिया और उपस्थित अधिकारियों का आवश्यक दिशा निर्देश दिए। एसएसपी ने बताया कि रात्रि तीन बजे गैस रिसाव की सूचना मिली थी। उन्होंने घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस को स्वयं अभियोग दर्ज कराने के आदेश दिये थे।

इस पर जांच पड़ताल के उपरांत उप निरीक्षक दीपक मैठाणी,चौकी प्रभारी झाझरा की ओर से दी गई तहरीर पर थाना प्रेम नगर में घटना में प्लाट स्वामी दीपक गुप्ता पुत्र कैलाश गुप्ता निवासी बी-29 निर्भय नगर, आगरा और केयरटेकर नरेंद्र कुमार पुत्र जबर सिंह निवासी ब्रह्मपुरी पटेल नगर की लापरवाही परिलक्षित होने पर उक्त दोनों व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 05/24 धारा 336/278/120 बी भादवि का अभियोग पंजीकृत किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को प्रेमनगर क्षेत्र में हुए क्लोरीन गैस रिसाव की घटना के प्रति अधिकारियों को इस प्रकार की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये हैं। उन्होंने उद्योग एवं श्रम विभाग के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। उन्होंने प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो साथ ही आवासीय स्थलों पर इस प्रकार की नुकसानदायक गैसों के भण्डारण की भी जांच करने को कहा है। उन्होंने कहा कि हर समय सतर्कता से ही ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोका जा सकता है।