केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में गुरुवार को एफआईआर दर्ज कर इस केस की जांच शुरू कर दी है। इससे हाई प्रोफाइल इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। बिहार सरकार की सीबीआई जांच की सिफारिश को केंद्र सरकार के स्वीकार करते ही मुंबई से पटना पुलिस की टीम वापस लौट आई है। सीबीआई पटना पुलिस के संपर्क में है। उसे जल्द ही पटना पुलिस अब तक की गई इस मामले की जांच से संबंधित सारे सबूत दे सकती है।
सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ ने गुरुवार को बताया कि 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मुंबई स्थित अपने फ्लैट में मृत मिले थे। इस मामले में 25 जुलाई को सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना (बिहार) के राजीव नगर थाना में बेटे की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती सहित छह लोगों के खिलाफ धन उगाही, ब्लैकमेल, प्रताड़ना व आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज कराई है। मामला दर्ज होने के बाद पटना पुलिस की एसआईटी (चार सदस्यीय जांच टीम) 27 जुलाई को मुंबई पहुंची। बिहार पुलिस का आरोप है कि मुंबई पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया। इसके बावजूद बिहार एसआईटी ने जो अब तक की जांच-पड़ताल की है, उसकी रिपेार्ट सीबीआई को जल्द ही मिल जाएगी। हम पटना पुलिस के संपर्क में हैं।
उल्लेखनीय है कि एसआईटी का नेतृत्व कर रहे पटना के एसपी सिटी विनय तिवारी 2 अगस्त को मुंबई पहुंचे तो उन्हें एयरपोर्ट से निकलते ही बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) ने कोरोना संकट का हवाला देकर क्वारंटाइन कर दिया। इसके पहले मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती ने पटना की एफआईआर मुंबई ट्रांसफर करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी, जिसका सुशांत के पिता व बिहार सरकार ने कोर्ट में विरोध किया। महाराष्ट्र सरकार रिया के पक्ष में कोर्ट में है। इससे मुंबई पुलिस शक के दायरे में आ गई है।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत से पहले 8 जून को मुंबई के मलाड में उनकी मैनेजर दिशा सालियान की भी 14वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी। इस मामले में वकील विनीत ढांडा ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर दिशा सालियान की मौत की जांच भी सीबीआई से कराने की मांग की। ढांडा का दावा है कि सुशांत और दिशा के केसों का आपस में संबंध है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा है कि दिशा की केस फाइल गायब है या डिलीट कर दी गई है। ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि इस केस की रिपोर्ट मुंबई पुलिस से मांगी जाए। अगर जांच ठीक न लगे तो इस केस की विवेचना भी सीबीआई को सौंप दी जाए।