सीमा पर निवास करने वाले नागरिकों को केंद्र सरकार देगी मददः राजनाथ सिंह

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गोपेश्वर। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर निवास कर रहे देश के नागरिकों के लिए केंद्र सरकार हर संभव सहायता देने की कोशिश कर रही है। कहा कि सीमांत गांवों से पलायन को रोकने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आईटीबीपी के जवानों को भी सीमा पर रहने वाले नागरिकों को दोस्त बनाकर उनके अन्दर विश्वास जगाने को कहा। उत्तराखंड दौरे पर आए गृहमंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को जोशीमठ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

गृहमंत्री ने सीमांत क्षेत्रों में बार्डर एरिया डेबलपमेंन्ट (बीएडीपी) के तहत संचालित कार्यों की भी सराहना की तथा बीएडीपी के तहत दी जाने वाली धनराशि को दो गुना करने की बात कही। कहा कि राज्य के 05 जिलों के 09 ब्लॉकों में बीएडीपी के तहत कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। बताया कि बीएडीपी के तहत देश में 27 सड़के स्वीकृत थी जिसमें से 10 सड़के अकेले उत्तराखंड राज्य के लिए स्वीकृत की गयी है तथा दूसरे चरण में भी राज्य के लिए अन्य सड़के स्वीकृत की जाएंगी। उन्होंने सड़क निर्माण के कार्यों में तेजी लाने पर भी जोर दिया।
गृहमंत्री ने जोशीमठ सुनील में आईटीबीपी की प्रथम वाहनी को बडा खाने के लिए 02 लाख की धनराशि भी दी। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र की महिलाओं को साडियां एवं बच्चों को स्कूल बैग व खेल सामग्री भी वितरित किए। आईटीबीपी की प्रथम वाहिनी सुनील, जोशीमठ की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री को विजयदशमी के अवसर पर प्रतीक चिन्ह एवं शाॅल भेंट किया।
इस अवसर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य आगमन पर केन्द्रीय गृहमंत्री का प्रदेश की ओर से हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया। आईटीबीपी कैंप में जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा में प्रदेश के शहीद जवानों के आश्रित को राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरी दी जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि सीमांत क्षेत्रों के गांवों में अच्छी किस्म के अखरोट एवं चिलगोजे के 04 लाख पेड़ लगाए जाने की योजना बनाई गई है, जिसके तहत देहरादून में नर्सरी विकसित की गई है तथा 02 सालों में ये सभी पौधे सीमांत क्षेत्रों में नर्सरी से ट्राॅन्सप्लांट किए जाएंगे। इसके साथ ही दो ईको टास्कफोर्स कम्पनी बनाई गई है जिसमें भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती की जा रही है। इस अवसर पर डीजी आईटीबीपी आरके पंचनन्दा, आईटीबीपी के कमांडेन्ट विक्रान्त थपलियाल, आईजी एचएस गुरैया सहित आईटीबीपी के जवान, क्षेत्रीय जनता आदि मौजूद थे।