नेलांग बॉर्डर पर दो दिवसीय दौरे पर आएंगे केंद्रीय राज्यमंत्री किरेन रिजिजू

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किरेन रिजिजू 
केंद्रीय खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरेन रिजिजू 15 और 16 अप्रैल को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा पर नेलांग घाटी का दौरा करने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि वे गर्तांगली घाटी के रास्ते से तिब्बत के साथ व्यापार शुरू करने से पूर्व तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इस दौरान आइटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल तथा सीमा सुरक्षा बल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी जनपद भ्रमण पर रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि सामरिक दृष्टि से ये जिला संवेदनशील है, क्योंकि जिला मुख्यालय से महज 129 किलोमीटर दूर पर सीमा है। बीते वर्ष गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद उत्तराखंड बॉर्डर अलर्ट पर है। उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले की नेलांग, जुंग, नागा, त्रिपाठी, मैंडी, शिमला, पीडीएफ, थांगला-1, थांगला-2 हमारे देश की ऐसी सीमा चौकियां हैं, जहां हिमवीर चौबीसों घंटे तैनात हैं। निलोंग घाटी में आधा किमी. लंबी गर्तांगली 1962 में भारत-तिब्बत व्यापार का प्रमुख मार्ग हुआ करती थी। 1962 में सीमा के पास बसे जाड भोटिया समुदाय के नेलांग और जाढ़ूंग गांव खाली कराकर सरकार ने इस क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया था। अब केन्द्र सरकार गर्तांगली का रास्ता खोलने पर विचार कर रही है। इसके खुलने से तिब्बत के रास्ते व्यापार होने के अलावा रोमांच के शौकीन पर्यटकों को लाभ होगा। हालांकि, गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में आने के कारण अभी वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने विधिवत रूप से गर्तांगली जाने अनुमति तो नहीं दी है।उल्लेखनीय है कि गर्तांगली विश्व के खतरनाक रास्तों में से एक है।