(गोपेश्वर) यदि कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो बंजर भूमि में भी हरियाली लाई जा सकती है। ऐसी ही एक नजीर उत्तराखंड के चमोली जिले के गोपेश्वर में पुलिसकर्मियों ने पेश की है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उगाई जाने वाली सुगंधित और जायकेदार केसर को गोपेश्वर जैसे शहर में उगाकर इन पुलिस कर्मियों ने एक मिसाल पेश की है।
चमोली पुलिस ने साढ़े चार हजार फीट की उंचाई वाले गोपेश्वर में साढ़े 300 ग्राम केसर पैदा की है, जिसका अंतराष्ट्रीय बाजार मूल्य साढ़े तीन लाख रुपये के करीब है। गुणवत्ता के आधार पर अंतरराष्ट्रीय बजार में केसर की कीमत 300 से लेकर 2 हजार रुपये प्रतिग्राम मूल्य होता है। उत्तराखंड सरकार ने इस केसर का सरकारी मूल्य 800 रुपया प्रतिग्राम निर्धारित किया है। इस प्रकार चमोली पुलिस ने जो केसर उगाई है उसका मूल्य साढ़े तीन लाख रूप्ये आंका गया है। अब पुलिस ने ई-टेंडर से इसकी नीलामी का निर्णय लिया है।
पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि “पुलिस लाईन के निकट पुलिस के अधिकार की भूमि थी परंतु कूडा कचरा यहां गिरता रहता था इस पर हर्बल गार्डन बनाने की योजना बनायी गई। राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर 2017 को पदमभूषण चंडी प्रसाद भट्ट ने इस हर्बल गार्डन का उदघाटन किया। हर्बल गार्डन में केसर सहित 50 से अधिक प्रजाति के औषधिय पौध लगाये गये। पुलिस आरक्षी अनूप मैठाणी को इस गार्डन की जिम्मेदारी सौंपी गई। छह माह में इस गार्डन से केसर के चमकते स्टिगमा ने अपना स्वरूप लिया। इस स्टिगमा को नियमानुसार सूखाया गया तब जाकर केसर मिली है।”