जेट एयरवेज के रिवाइवल की संभावना खत्‍म

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नई दिल्ली। बीते 17 अप्रैल से नकदी संकट की वजह से अस्‍थायी रूप से परिचालन बंद करने वाली जेट एयरवेज के उबरने की आखिरी उम्‍मीद भी खत्‍म हो गई है। दरअसल स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों का कंसोर्टियम इन्‍सॉल्‍वेंसी एंड बैंकरप्‍सी कोड के तहत जेट एयरवेज एयरलाइन को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में ले जाने की तैयारी कर रहा है। मामले को आईबीसी के बाहर सुलझाने के कर्जदाता बैंकों का प्रयास पूरी तरह से नाकाम होने की वजह से ये कदम उठाया जा रहा है।

मामले का निपटारा आईबीसी के तहत करने का फैसला

गौरतलब है कि कर्जदाता बैंकों ने एक बयान में कहा है कि जेट एयरवेज के भविष्य पर फैसला करने के लिए उसके कर्जदाताओं की सोमवार को एक बैठक हुई। काफी विचार-विमर्श के बाद कर्जदाताओं ने मामले का निपटारा आईबीसी के तहत करने का फैसला किया है। क्योंकि कंपनी के लिए केवल एक सशर्त बोली मिली है।

जेट एयरवेज पर करीब 8,400 करोड़ रुपए का है कर्ज

उल्‍लखेनीय है कि नकदी संकट की वजह से जेट एयरवेज ने बीते 17 अप्रैल को अपना परिचालन अस्‍थायी रूप से बंद कर दिया था। विमानन कंपनी पर 8,400 करोड़ रुपए का कर्ज है और इसकी कुल देनदारी 25 हजार करोड़ रुपए है। इसके बंद होने से करीब हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। वहीं, जेट को खरीदने में दिलचस्पी दिखाने वाले हिंदुजा ग्रुप और एतिहाद ने इस दिशा में आगे कदम नहीं बढ़ाया और न ही कोई औपचारिक प्रस्ताव दिया। इस बीच जेट के खिलाफ में दो  कंपनियों ने मुंबई की दिवाला अदालत में याचिका दायर की है, जिस पर 20 जून को सुनवाई होगी।