गोपेश्वर, 17 जुलाई के चंद्रग्रहण के कारण 16 जुलाई को सांय 4ः25 बजे से बदरीनाथ, केदारनाथ, बदरी-केदार के अधीनस्थ मंदिरों, सहित गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के रहेंगे कपाट बंद होंगे। चंद्रग्रहण 17 जुलाई रात 1ः31 बजे से लेकर 4ः31 बजे तक है। ग्रहणकाल से नौ घंटे पहले सूतक काल माना जाता है। जिसके चलते सूतक काल में मंदिर बंद रहेगे। 17 जुलाई को प्रातः 4ः40 बजे बदरीनाथ मंदिर खुलेगा और छह बजे से अभिषेक पूजा शुरू होगी।
17 जुलाई रात 1ः31 बजे से प्रातः 4ः31 बजे तक तीन घंटे का चंद्रग्रहण है। ग्रहणकाल से नौ घंटे पहले सूतक काल माना जाता है। इसका असर देश-विदेश के सभी मंदिरो पर भी पड़ेगा जिस कारण ठीक नौ घंटे पहले मंदिर बंद हो जायेंगे।
भू बैकुंड धाम की बात करे तो बदरीनाथ के कपाट 16 जुलाई को शाय 4ः25 बजे बंद हो जायेगे। इसके लिए सांय 3ः15 बजे सायंकालीन मंगल आरती पूजा होगी। 3ः45 बजे भोग और शयन आरती होगी तथा सांय 4ः25 बजे मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे
बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवनचन्द्र उनियाल ने बताया कि, “16 व 17 जुलाई को रात 1ः31 बजे से 4ः31 प्रातः तक चंद्रग्रहण है। ग्रहणकाल से नौ घंटे पूर्व सूतक काल लग जाता है। इसलिए बदरीनाथ धाम के कपाट सायं 4ः25 बजे बंद हो जायेगा। भगवान बदरीनाथ को अपराह्न 3ः15 बजे सायंकालीन पूजा मंगल आरती 3ः45 अपराह्न भोग और शयन आरती होगी। सायं 4ः25 बजे मंदिर बंद होगा। 17 जुलाई को प्रातः 4ः40 बजे बदरीनाथ धाम की घंटी बजेगी। छह बजे अभिषेक पूजा होगी उसके बाकि पूजा यथावत चलेगी।”
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि, “श्री बदरीनाथ एवं श्री केदारनाथ मंदिर सहित नृसिंह मंदिर जोशीमठ, माता मूर्ति मंदिर बदरीनाथ, श्री आदि केदारेश्वर मंदिर बदरीनाथ, सभी पंच बदरी मंदिर, पंच केदार, श्री कालीमठ मंदिर, श्री त्रिजुगीनारायण मंदिर ग्रहणकाल में बंद रहेंगे। साथ ही गंगोत्री धाम, यमुनोत्री मंदिर भी चंद्रग्रहण के सूतक काल से ग्रहण समाप्ति तक बंद रहेंगे। 17 जुलाई को शुद्धिकरण पश्चात यथावत पूजा-अर्चना शुरू हो जायेगी।”