नहीं रहे छत्तीसगढ़ के राज्यपाल

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रायपुर,छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम दास टंडन का मंगलवार की दोपहर अंबेडरकर अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। आज सुबह अचानक सीने में दर्द की शिकायत पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां करीब दोपहर 1.15 पर अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों ने उनके निधन की पुष्टि कर दी।

राज्यपाल बलराम दास टंडन की अचानक तबीयत खराब होने की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री रमन सिंह उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे। इधर, अस्पताल में करीब 50 से भी अधिक सुरक्षाकर्मियों को उनकी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। अस्पताल से मुख्यमंत्री रमन सिंह लगातार डॉक्टरों से जानकारी ले रहे थे।

राज्यपाल बलरामजी दास टंडन का जन्म एक नवम्बर 1927 को अमृतसर पंजाब में हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय लाहौर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वे निरन्तर सामाजिक और सार्वजनिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। वे कुश्ती, वॉलीबॉल, तैराकी और कबड्डी के सक्रिय खिलाड़ी रहे। पंजाब के अमृतसर से पार्षद के रूप में राजनीतिक सफर शुरू करने वाले बलरामजी दास टंडन छह बार विधायक रहे और पंजाब के कैबिनेट मिनिस्टर भी रहे। बलरामजी दास टंडन ने 18 जुलाई 2014 को छत्तीसगढ़ में राज्यपाल पद की शपथ ली थी।

बलरामजी दास टंडन 1953 में पहली बार अमृतसर नगर निगम के पार्षद बने। फिर अमृतसर विधानसभा क्षेत्र से 1957, 1962, 1967, 1969 एवं 1977 में विधायक चुने गए। 1975 से 1977 तक आपातकाल के दौरान वे जेल में भी रहे। साल 1997 में वे टण्डन राजपुरा विधानसभा सीट से चुनाव जीते और पंजाब मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने। साल 1979 से 1980 के दौरान वे पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। उन्होंने नेपाल की राजधानी काठमाण्डू में सार्क देशों के स्थानीय निकाय सम्मेलन में भी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व भी किया।

बलरामजी दास टंडन के बेटे संजय टण्डन ने उनके जीवन पर आधारित किताब ‘एक प्रेरक चरित्र‘ लिखी है जिसका विमोचन साल 2009 में तत्कालीन पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने किया था। पिछले दिनों वे तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने अपना बढ़ा हुआ वेतन लेने से इनकार कर दिया था। लोगों ने उनके इस कदम की जमकर तारीफ की थी।