सावधान! केमिकल रंग बिगाड़ सकते हैं चेहरे की रंगत

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ऋषिकेश। सावधान, केमिकल युक्त रंग किसी के चेहरे की रंगत बिगाड़ सकते हैं। आंखों के लिए भी गंभीर खतरा बन सकते हैं। रंगों की खरीदारी में समझदारी ही किसी अनहोनी से बचा सकती है। होली का पर्व आते ही रंगों का बाजार सज गया है। रासायनिक रंग काफी सस्ते बिक रहे हैं, जो किसी के लिए भी खतरे का सबब बन सकते हैं।
स्क्रीन विशेषज्ञ डॉ. मुकेश पांडे का कहना है कि होली का त्योहार रंगों का है। पहले लोग होली पर प्राकृतिक रंगों का उपयोग करते थे। जिससे कोई नुकसान नहीं होता था। होली खेलने का तरीका भी अलग तरह का था, लेकिन बदलते दौर में इस त्योहार में प्राकृतिक रंगों का स्थान रसायन युक्त रंगों ने ले लिया है जो शरीर के लिए बेहद घातक हो सकते हैं। होली का त्योहार नजदीक आते ही सस्ते रंगों से बाजार पट गया है। महंगे रंग, अबीर गुलाल भी हैं, लेकिन सस्ते होने की वजह से लोग रासायनिक रंगों को लेते हैं। यह रंग चेहरे की रंगत को भी बिगाड़ सकते हैं। समय के साथ त्योहारों के स्वरूप में भी कुछ परिवर्तन आया है। होली का त्योहार अभी परंपरागत रूप से मनाया जाता है लेकिन अब लोग प्राकृतिक रंगों का उपयोग नहीं करते हैं। प्राकृतिक रंग तो बाजार से गायब हो गए हैं। केमिकल युक्त रंग शरीर के लिए बेहद घातक साबित हो सकते हैं। होली पर लोग एक दूसरे के चेहरे पर सस्ते रंग लगा देते हैं। इससे त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। आंख में रंग चला जाए तो जलन होने लगती है। ऐसे रंगों की कीमत पांच से दस रुपये तोला तक ही है। जबकि इनसे अच्छे रंग अस्सी से नब्बे रुपये तोला तक बिक रहे हैं। हालांकि बाजार में हर्बल रंग भी हैं, लेकिन सस्ते रंगों की धमक अधिक दिखाई दे रही है। व्यापारियों ने काफी माल मंगवा लिया है। लाल, पीला, हरा गुलाबी रंग सबसे अधिक बाजार में बिक रहा है। होली के त्योहार पर केमिकल मिश्रित रंगों का व्यापार खूब फल फूल रहा है। इस मामले पर समाज सेवी और विभिन्न संस्थाओं से जुड़े राजे नेगी ने बताया कि केमिकल रंगों के घातक प्रभाव को देखते हुए लोगों को लगातार सचेत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि होली मे चेहरे के साथ आखों पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े इसके लिए खासतौर पर ध्यान रखने की जरुरत है।