ईको फ्रेंडली होली खेलकर दें स्वच्छता का संदेश: चिदानन्द

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ऋषिकेश, परमार्थ निकेतन के परम अध्यक्ष चिदानन्द मुनि महाराज ने ईको फ्रेंडली होली मनाने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में फागुन के फगुआरे व प्राकृतिक रंगों का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है। आज बाजारों में रासायनिक रंगों की धूम मची है, जिनके प्रयोग से शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ते हैं।

योग और आध्यात्म की अलख जगाकर ग्लोबल पहचान दिलाने वाले परमार्थ परमाध्यक्ष चिदानन्द सरस्वती मुनि महाराज ने कहा कि ऋतुराज में होली का त्योहार हर किसी के मन में उमंगें पैदा करता है। विभिन्न रंग मनुष्य के अंदर अलग-अलग भाव पैदा करते हैं।

प्राचीन काल में होली पर्व प्राकृतिक रंगों से खेलते थे जोकि पूरी तरह से शरीर एवं पर्यावरण के लिए सुरक्षित थे। टेसू के फूलों के रंग, पीले रंग के लिए हल्दी पाउडर तथा अलग-अलग रंगों के विभिन्न प्रकार के फूलों का प्रयोग किया जाता था। उन्होंने कहा कि होली पर्व गले मिलकर सादगी से मनाएं। ईको-फ्रेंडली होली मनाकर स्वच्छता का संदेश दें।