देहरादून, प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में ई-जीवन प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए आईएफएमएस सॉफ्टवेयर का शुभारम्भ किया। इस सॉफ्टवेयर की सहायता से राज्य के पेंशनर देश या विदेश, कहीं से भी अपना ई-जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा करा सकेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ई-जीवन प्रमाण पत्र का लोकार्पण करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपनों के साकार करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ई-ऑफिस लागू किया गया है। ई-ऑफिस की दिशा में ई-जीवन प्रमाण पत्र एक और कदम है। प्रदेश लगातार पेपरलेस व्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ई-जीवन प्रमाण पत्र के माध्यम से राज्य के पेंशनरों को बहुत राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष ई-जीवन प्रमाण पत्र के लिए लाखों लोगों को परेशान होना पड़ता है। इस सेवा के शुरू होने से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को ट्रेज़री के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे पास के सीएससी केन्द्र से अपना ई-जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा करा सकेंगे। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों के वृद्ध एवं अक्षम लोगों को सीएससी तक ना आना पड़े इसके लिए ई-जीवन प्रमाण पत्र जमा करवाने की व्यवस्था भी की जा सकती है। ई-जीवन प्रमाण पत्र अन्य राज्यों एवं विदेशों में रह रहे हमारे पेंशनर्स के लिए भी बहुत ही लाभदायक होगा। वे कहीं से भी अपना जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा करा सकेंगे।
सचिव अमित नेगी ने बताया कि सीएससी के लोगों के साथ इस संबंध में बैठक एवं ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जा रहे हैं। ई-जीवन प्रमाण पत्र को कोषागार, उप कोषागार, सीएससी केन्द्र, पर्सनल कंप्यूटर, टैब और मोबाइल ऐप से भी भरा जा सकेगा, स्वीकृत होने पर इसकी सूचना मोबाइल नंबर और ई मेल आईडी पर भी उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि कोषागार, पेंशन एवं हकदारी विभाग लगातार डिजिटल की दिशा में अग्रसर हो रहा है। लगभग 1,56,000 कर्मचारियों की पे रोल ई-सिस्टम से जेनरेट की का रही है। लगभग 1,52,000 पेंशनर्स और न्यू पेंशन स्कीम को भी ई गवर्नेंस से जोड़ दिया गया है।