उत्तरकाशी, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के हर संभव प्रयास किये जाएंगे। राज्य सरकार ने एडवेंचर का अलग से एक विभाग बनाने का निर्णय किया है, जो अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी के निर्देशन मैं यह काम करेगा। उन्होंने समिट में कहा कि साहसिक पर्यटन को लेकर जो भी सुझाव आये हैं, उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री यहां नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में जिला प्रशासन व नेहरू पर्वतारोहण संस्थान द्वारा सयुंक्त रूप से जनपद में पहली बार आयोजित दो दिवसीय माउंटेनियरिंग समिट कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया। इम मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय में सेंसिटिव एरिया को लेकर जहाँ पर्यटन की संभावना है वहीं सीमांंत जनपद जनपद होने से इनर लाइन की भी कठिनाई आ रही हैं। इसमें ढील देने के लिए भारत सरकार से वार्ता चल रही है। उन्होंने कहा कि यहां ट्रैकिंग और माउंटेनियरिंग को लेकर जो भी सुझाव दिये हैं, वह विचारणीय है।
इस दौरान गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने कहा कि पर्यटन को लेकर आज होम स्टे योजना साकार हो रही है। माउंटेनियरिंग व ट्रैकिंग में भी स्वरोजगार से लेकर रोजगार बढ़ाने के लिए यह माउंटेनियरिंग समिट कारगर साबित होगा। उन्होंने गंगोत्री घाटी के दर्जनों ट्रैकिंग मार्गों को प्रोत्साहित व इनको विकसित करने की मांग उठाई। समिट का समापन करते हुए यमुनोत्री क्षेत्र के विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि उत्तरकाशी जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां हरकीदून, हनुमान चट्टी सहित कई स्थानों में ऐसे बुग्याल हैं, जो पर्यटकों के रिझाने के लिए काफी हैं। कार्यक्रम के शुभारंभ से पूर्व मुख्यमंत्री ने जिले की 89 करोड़ की लागत से पुरोला, यमुनोत्री, गंगोत्री विधानसभा की कुल 27 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया।
इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने सभी मुख्य अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम के दौरान निम की ओर से कैप्टन सुदेश ने गंगोत्री घाटी व नजदीकी ग्लेशियर में शीतकाल में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग की बंदिशें हटाने की मांग की गई, उन्होंने मुख्यमंत्री से साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सहूलियतें देने की भी मांग की।