उत्तराखंड में कोरोना के डबलिंग और रिकवरी रेट में लगातार सुधार: मुख्य सचिव

0
617
कोरोना
(देहरादून) मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा है कि सोमवार दोपहर तक 25 पाॅजिटिव केस आए हैं जबकि 135 कोरोना संक्रमित ठीक हुए हैं। कुल 1380 पाॅजिटिव केस में से 697 एक्टिव केस हैं। राज्य में डबलिंग रेट में निरंतर सुधार हो रहा है। अब यह 16 दिन से अधिक हो गया है। हमारा रिकवरी प्रतिशत, राष्ट्रीय औसत के बराबर लगभग 48 प्रतिशत हो गया है। सैम्पलों के पाॅजिटिव होने की दर उत्तराखंड में 4.31 प्रतिशत है, जबकि देश का औसत 5.37 प्रतिशत है। प्रति मिलियन सैम्पल लेने की दर 3169 है। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु दर देश में 2.78 प्रतिशत है, जबकि राज्य में यह दर लगभग 1 प्रतिशत है।
सचिवालय के मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता में मुख्य सचिव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिनों में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है परंतु इसमें डरने की आवश्यकता नहीं है। हमने अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी इजाफा किया है। कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या 20 हजार हो गई है। आईसीयू बेड 243 और वेंटिलेटर 126 उपलब्ध हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि कान्टैक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है। 1380 कोरोना पाॅजिटिव के 6294 कान्टैक्ट ट्रेस किए गए हैं। इन कान्टैक्ट के स्वास्थ्य की निगरानी की जाती है और उनके रिस्क प्रोफाइल का निर्धारण कर आवश्यक कार्रवाई की जाती है। वर्तमान में करीब 1 लाख 30 हजार लोग एकांतवास में हैं। इनमें से अधिकांश लोग गृह एकांतवास में हैं। राज्य में 55 कंटेनमेंट जोन स्थापित हैं, जहां पूरी सख्ती बरती जा रही है।
मुख्य सचिव ने दो सप्ताहों के तुलनात्मक आंकड़े देते हुए बताया कि 25 मई से 31 मई के दौरान डबलिंग रेट 4.58 दिन, सैम्पल पाॅजिटिव रेट 8.83 प्रतिशत था जबकि 1 जून से 7 जून के दौरान डबलिंग रेट 13 दिन और सैम्पल पाॅजिटिव रेट 6.16 प्रतिशत था। इसी प्रकार 25 मई से 31 मई के दौरान 970 सैम्पल टेस्ट किए गए और बेड की संख्या 8375 थी। जबकि 1 जून से 7 जून के दौरान 1053 सैम्पल टेस्ट किए गए और बेड की संख्या बढ़कर 18234 हो गई।
मुख्य सचिव ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। अभी तक लगभग 29737 लोग गिरफ्तार किए गए, 7977 वाहन सीज किए गए और 3 करोड़ 35 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। होटल, शापिंग माॅल, धार्मिक स्थलों के लिए गाइड लाइन जारी की गई है। इन स्थानों पर शारीरिक दूरी, सफाई, सेनेटाइजेशन, मॉस्क का अनिवर्यता से पालन किया जाना है। मुख्य सचिव ने कहा कि अगर अनुशासन का परिचय देते हुए आवश्यक नियमों का पालन किया जाता है तो आगे सुविधाओं में बढ़ोतरी की जा सकती है।  मनरेगा के काम में निरंतर वृद्धि हो रही है। प्रदेश में मनरेगा में 2,1816 काम चल रहे हैं, जिनमें 3,07,451 श्रमिक लगे हैं। 15 हजार नए जॉब कार्ड बनाए गए हैं, जिनमें से 11 हजार को काम भी उपलब्ध करवाया गया है।