देहरादून। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने शहरी विकास, सिंचाई, ग्रामीण विकास, पेयजल, ऊर्जा, विद्यालयों शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य, कृषि और समाज कल्याण विभाग के फ्लैगशिप कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि विभागीय सचिव भी अपने स्तर से बैठक कर प्राथमिकता वाले कार्यों को लागू करने की गति तेज करें तथा क्रियान्वयन में बाधा आने की स्थिति में समन्वय बैठक में निराकरण कराएं।
बैठक में अमृत, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन (नगर विकास विभाग), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, नरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, सबके लिए आवास, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन, एकीकृत ऊर्जा विकास सिस्टम, मिड-डे मिल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, कृषि उन्नति योजना तथा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम की प्रगति समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने व्यावहारिक कठिनाइयों और नीतिगत प्रकरणों पर आवश्यक निर्देश दिए। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं के संबंध में पर्यावरणीय स्वीकृतियां प्राप्त करने में हो रहे विलंब पर चर्चा हुई।
मुख्य सचिव ने सामुदायिक सहभागिता/जनजागरुकता को बढ़ाने के लिए समुचित विभागीय प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने सबके लिए आवास (नगरीय) परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी विकास प्राधिकरणों को समन्वित रूप में आवास योजनाएं प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। ‘अमृत’ योजना को तय समय पूरा करने के लिए कार्यदायी संस्थाओं के डेडीकेटेड डिवीजन सृजित करने पर बल दिया गया। इस सम्बन्ध में नगर विकास एवं पेयजल विभाग को एक बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
डीएस ने ‘नरेगा’ में रिक्त पदों पर सारे लोकपालों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए। सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत अवशेष विद्यालयों में यथा शीघ्र शौचालय निर्माण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उनकी की अध्यक्षता में अलग से पेयजल, विद्यालयी शिक्षा एवं वित्त विभाग के मध्य शीघ्र ही एक बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए गए।
बैठक में प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव सिंचाई आनंदबर्धन, सचिव विद्यालयी शिक्षा डा.भूपिंदर कौर औलख, सचिव शहरी विकास राधिका झा, सचिव कृषि डॉ. सैन्थिल पांडियन, महानिदेशक शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, अपर सचिव नियोजन रंजीत सिंन्हा, अपर सचिव बाल विकास विम्मी सचदेवा आदि मौजूद रहे।