उत्तराखंड शासन में नये मुख्य सचिव के कार्यभार ग्रहण करने के बाद उठा-पटक के समाचार हैं। कई नौकरशाह अपने को असहज महसूस कर रहे हैं। इसी असहजता का प्रमाण एक आईएएस दंपति के व्यवहार से मिला है, जिसे मुख्य सचिव की ओर से नोटिस भेजा गया था, लेकिन अब मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने सोमवार को एक बयान जारी कर नोटिस वापस लेने की बात कही है।
मीडिया से चर्चा के दौरान मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि आईएएस दंपति को भेजा गया नोटिस वापस ले लिया गया है। इस नोटिस के पीछे उक्त दंपति का एक आवश्यक बैठक में उपस्थित न होना है, जिसके कारण उन्हें नोटिस दिया गया था। उधर, अब नोटिस वापस लेने का कारण यह बताया जा रहा है कि उक्त दंपत्ति को इस बैठक में बुलाया ही नहीं गया था, ऐसे में नोटिस का कोई औचित्य नहीं है।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश के आने के बाद जहां अधीनस्थ अधिकारियों में भारी फेरबदल किया गया है, वहीं अधिकारियों से अपनी कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव लाने का आग्रह किया गया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने पत्रावलियों को रोके जाने पर काफी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और स्पष्ट कर दिया था कि लेटलतीफी नहीं चलेगी। जो लोग पत्रावलियां रोकतें हैं, उन पर सख्ती की जाएगी। इसी के परिणाम स्वरूप समीक्षा अधिकारी, अनुसचिव से लेकर संयुक्त सचिव तक के अधिकारियों को इधर-उधर किया गया, साथ ही कई आईएएस को भी बदला गया ताकि व्यवस्था में सुधार हो सके। इसी बीच में नोटिस का यह प्रकरण घटा, जिसे अब वापस ले लिया गया है।