पतंग उड़ाने के दौरान छत से गिरे बच्चे की अस्पताल में मौत हो गई, मासूम छात्र की मौत से परिवार में कोहराम मचा है। वहीं, मासूम के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर मृत बच्चे को दो दिन तक मशीन पर रखकर उन्हें ठगने का आरोप लगाया है। बिठोरिया नंबर-एक के नारायण नगर निवासी हिमांशु आर्य मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। हिमांशु की पत्नी नीमा आशा कार्यकत्री है। उनका सबसे छोटा बेटा कार्तिक, नेशनल पब्लिक स्कूल, कुसुमखेड़ा में पांचवीं कक्षा का छात्र था।
रविवार की सुबह कुसुमखेड़ा चौराहे के समीप एक घर की छत पर दोस्तों के साथ पतंग उड़ाने के दौरान वह छह से गिर गया था। परिजनों ने घायलावस्था में उसे समीप के अस्पताल लेकर पहुंचे, गंभीर हालत देखते हुए अस्पताल ने बच्चे को रेफर कर दिया था। इसके बाद परिजनों ने बच्चे को मुखानी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया। परिजनों के मुताबिक बच्चे को आइसीयू में मशीनों में रखकर उन्हें मिलने तक नहीं दिया गया। सोमवार रात परिजनों के हंगामा पर बच्चे को मृत घोषित किया गया।
वहीं, मंगलवार सुबह लोगों को कार्तिक की मौत की खबर मिली तो घर पर जमावड़ा लगा। क्षेत्रवासियों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज के नाम पर गरीब परिवार के आर्थिक शोषण करने का आरोप लगाया है। लोगों का आरोप है कि बच्चे की मौत हादसे के कुछ देर बाद ही हो चुकी थी। इसके बावजूद अस्पताल ने बच्चे के इलाज के नाम पर परिवार वालों से 40 हजार रुपये लिए।