स्कूल के खिलाफ बाल आयोग, सीबीएसई व शिक्षा विभाग को दिया ज्ञापन

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देहरादून, राजपुर रोड स्थित एक निजी स्कूल में कक्षा 9 मे पढ़ने वाली छात्रा के साथ स्कूल के स्विमिंग कोच द्वारा छेड़छाड़ के मामले में नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) ने कार्रवाई की मांग की। संघ ने इसे लेकर बाल आयोग, सीबीएसई और शिक्षा विभाग को भी ज्ञापन भेजा।

बीते दिनों प्रेस वार्ता के माध्यम से अभिभावकों ने स्कूल की छात्रा के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आने के बाद अभिभावक संघ ने छात्रा की लड़ाई लड़ने का आश्वासन दिया था। इसी क्रम में गुरुवार को बाल आयोग, सीबीएसई और शिक्षा विभाग को ज्ञापन भेजकर मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि स्कूल प्रशासन ने इस मामले को दबाने के लिए अभिभावकों पर निरंतर दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन संघ स्कूल की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाएगा।

उन्होंने कहा कि छात्रा व परिजनों के पक्ष में न केवल एनएपीएसआर बल्कि उत्तराखंड महिला मंच, जनादेश मंच व पियुपल्स फोरम उत्तराखंड भी लड़ाई में साथ है। बताया कि छेड़छाड़ के विरोध में गुरुवार को सभी संगठनों ने संयुक्त रूप से बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी, सीबीएसई क्षेत्रीय अधिकारी रनबीर सिंह व मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी को ज्ञापन सौंपा। जिस पर बाल आयोग की अध्यक्ष ने तुरंत स्कूल के लिए जांच टीम गठित कर 02 बजे तक स्कूल जाने के लिए निर्देश दिए।

इतना ही नहीं आयोग की ओर से स्कूल के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। सीबीएसई बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी रनबीर सिंह ने सीधे तौर पर अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह मामला ज्यूडिशियल और बाल आयोग से जुड़ा है। ऐसे में ज्ञापन को केवल हेड ऑफिस भेजा जा सकता है।

मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी ने बताया कि मामले में स्कूल को नोटिस जारी कर दिया है। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने स्पष्ट कहा है कि कोई भी निजी स्कूल किसी भी बच्चे का किसी भी प्रकार से शारीरिक या मानसिक शोषण नहीं कर सकता। कहा कि जब तक पीड़िता को न्याय नही मिल जाता और ऐसे स्कूल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो जाती, जिसने हाई कोर्ट के आदेशों को दरकिनार करके अपने ही हिसाब से स्कूल का संचालन किया है।