देहरादून। दशहरा पर्व पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को रिमखिम, जोशीमठ एवं औली में आईटीवीपी कैम्प में जवानों से मुलाकात की और दशहरा एवं दीपावली पर्व की बधाई दी। गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आईटीबीपी के शस्त्र पूजा कार्यक्रम में भाग लिया और निःशुल्क चिकित्सा शिविर व रक्तदान शिविर का निरीक्षण भी किया।
शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बद्रीनाथ पहुंचकर बीआरओ के विश्रामगृह में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। उन्होंने दशहरा पर्व पर रिमखिम, जोशीमठ और औली में जवानों से मुलाकत कर हौसला अफजाई की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की पत्नी ने आईटीबीपी के जवानों को विजयदशमी के पर्व पर टीका लगाकर बधाई दी। विजयदशमी पर्व के अवसर पर आईटीबीपी कैम्प जोशीमठ में आयोजित कार्यक्रम में गृहमंत्री ने शस्त्र पूजा कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा हमारे आईटीबीपी के जवानों ने विकट परिस्थितियों में भी कठिनाइयों एवं ऊंचाई पर विजय प्राप्त की है। 1962 से लगातार आईटीबीपी के जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत हिमवीरों को देश की सीमाओं की सुरक्षा करने से रोक नहीं सकती। जवानों को स्नो स्कूटर, अच्छी क्वाल्टी की गाड़ियां, गर्म कपड़े व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सीमा पर तैनात जवानों को अपने परिवार के साथ बात करने के लिए सस्ती दर पर बीएसएनएल सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
डोकलाम विवाद पर पत्रकारों के सवालों का जबाव देते हुए गृहमंत्री ने बताया कि सकारात्मक सोच के साथ डोकलाम विवाद को सुलझाया गया है। गृहमंत्री ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर निवास कर रहे देश के नागरिकों के लिए केन्द्र सरकार हरसम्भव सहायता देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सीमांत गांवों से पलायन को रोकने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने आईटीबीपी के जवानों को भी सीमा पर रहने वाले नागरिकों को दोस्त बनाकर उनके अन्दर विश्वास जगाने को कहा।
गृहमंत्री ने सीमांत क्षेत्रों में बार्डर एरिया डेवलपमेंट (बीएडीपी) के तहत संचालित कार्यो की भी सराहना की तथा बीएडीपी के तहत दी जाने वाली धनराशि को दोगुना करने की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य के पांच जिलों के नौ ब्लॉकों में बीएडीपी के तहत कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। बताया कि बीएडीपी के तहत देश में 27 सड़कें स्वीकृत थीं, जिसमें से 10 सड़कें अकेले उत्तराखण्ड राज्य के लिए स्वीकृत की गई है तथा दूसरे चरण में भी राज्य के लिए अन्य सड़के स्वीकृत की जाएंगी। उन्होंने सड़क निर्माण के कार्यो में तेजी लाने पर भी जोर दिया।
गृहमंत्री ने आईटीबीपी के जवानों तथा सीमा पर रह रहे सभी नागरिकों को दशहरा व दीपावली पर्व की बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने जोशीमठ में आईटीबीपी की प्रथम वाहनी को खाने के लिए दो लाख की धनराशि भी दी। इसके साथ उन्होंने क्षेत्र की महिलाओं को साड़ियां एवं बच्चों को स्कूल बैग व खेल सामग्री भी वितरित की। आईटीबीपी की प्रथम वाहिनी जोशीमठ ने केन्द्रीय गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री को विजयदशमी के अवसर पर प्रतीक चिन्ह एवं शॉल भेंट किया।
इस अवसर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य आगमन पर केन्द्रीय गृहमंत्री का प्रदेश की ओर से हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया। आईटीबीपी कैम्प में जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा में प्रदेश के शहीद जवानों के आश्रित को राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरी प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि सीमांत क्षेत्रों के गांवों में आय के साधन बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं। अच्छी किस्म के अखरोट एवं चिलगोजे के लाख-लाख पेड़ लगाने की योजना है, जिसके तहत देहरादून में नर्सरी विकसित की गई है और दो साल में ये सभी पौधे सीमांत क्षेत्रों में नर्सरी से ट्रान्सप्लांट किए जाएंगे। साथ ही दो ईको टास्कफोर्स कम्पनी बनाने का फैसला किया गया है, जिसमें भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती की जाएगी। इस अवसर पर डीजी आईटीबीपी आरके पंचनन्दा, आईटीबीपी के कमांडेन्ट विक्रान्त थपलियाल, आईजी एचएस गुरैया सहित आईटीबीपी के जवान, क्षेत्रीय जनता आदि मौजूद रहे।