हरिद्वार के आश्रम और धार्मिक स्थल होंगे कर मुक्त

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    मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निरंजनी अखाड़े में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा कि संतुलित एवं पारदर्शी विकास के साथ ही दूर दराज़ एवं पिछड़े क्षेत्रों का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार हटयोग की साधना करेगी। सम्पूर्ण उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त करना राज्य सरकार का प्रमुख उद्देश्य है।

    उन्होंने कहा कि 2021 में होने वाले कुम्भ की तैयारियों को लेकर साधु समाज एवं अखाड़ा परिषद के मार्गदर्शन से नई योजनाएं बनाई जायेंगी। रावत ने कहा कि

    • 2021 में हरिद्वार में सुन्दर, भव्य एवं सुविधायुक्त कुम्भ का आयोजन किया जायेगा।
    • हरिद्वार में जिन आश्रमों एवं धार्मिक स्थलों पर व्यावसायिक गतिविधियां नहीं होती हैं, उन आश्रमों एवं धार्मिक स्थलों को मुख्यमंत्री ने कर मुक्त करने की घोषणा की।
    • हरिद्वार की निर्मलता एवं स्वच्छता के लिए साधु समाज के योगदान के लिए शहरी विकास मंत्री को संतों से मिलकर समाधान करे
    वहीं हरिद्वार सांसद डाॅ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि केन्द्र सरकार की नमामि गंगे, चारधाम योजना से उत्तराखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। तीर्थ यात्रि एवं पर्यटक देवभूमि उत्तराखण्ड एवं अध्यात्म की राजधानी हरिद्वार में  पूर्ण सुरक्षा के साथ यात्रा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टेंड अप एवं स्टार्ट अप योजनाओं से देश ने विश्व में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार धर्म सत्ता के आशीर्वाद से निरन्तर आगे बढ़ रही है। प्रदेश के सम्पूर्ण विकास एवं भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड बनाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है।