गंगा की धारा को बचाने के लिये पैसों की कमी नहीं आने दी जायेगी: त्रिवेंद्र सिंह रावत

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मुख्यमंत्री रावत एवं राज्य मंत्री जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार डाॅ. सत्यपाल सिंह ने ऋषिकुल आॅडिटोरियम, हरिद्वार में करीब 900 करोड़ रूपये की 34 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। इनमे 906.11 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास एवं 12.83 करोड़ के लागत की योजनाओं का लोकार्पण शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “गंगा की निर्मलता एवं अविरलता के लिए हिमालय से निकलने वाले 26 हजार जल स्रोतों की निर्मलता बनी रहे। औद्योगिक संस्थानों, गंगा के तट पर बसे गांवों के कूड़े-कचरे, कृषि में प्रयुक्त हो रहे केमिकल्स एवं कपड़ों के प्रयोग से  गंगा अधिक प्रदूषित हो रही है। गोमुख से गंगा सागर तक गंगा के 2500 किमी के प्रवाह को अविरल एवं निर्मल बनाये रखने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को आगे आना होगा और नमामि गंगे योजना को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना होगा।”
राज्य मंत्री जल संसाधन, डाॅ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि “गंगा ने अनेक सभ्यताओं एवं संस्कृतियों को जन्म दिया। गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाए रखने के लिए केन्द्र सरकार से धन की कभी कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। गंगोत्री से गंगा सागर तक गंगा को पवित्र बनाने के लिए सबको संकल्प लेना होगा।”
पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि नमामि गंगे योजना को सफल बनाने के लिए समाज का पूर्ण सहयोग जरूरी है। गंगा की स्वच्छता के लिए गंगा निरीक्षण यात्रा, गंगा आर्ट मैराथन, गंगा रथ संचालन एवं कार्याशालाओं का आयोजन किया गया। गंगा विचार मंच, नेहरू युवा केन्द्रों एवं शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाये गये हैं। उन्होंने कहा कि गंगा कि निर्मलता के लिए गंगा के प्रति सभी के मन में समर्पण का भाव होना जरूरी है।
शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा कि केन्द्र सरकार के मदद से नमामि गंगे के कार्यों में तेजी आई है। गंगा में कूड़ा-कचरा न जाए। इसके लिए साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट की ठोस योजना बनाई जा रही है। गंगा  की स्वच्छता के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा।