वर्ष 2016 में थाई प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान दोनों देश द्विपक्षीय सहयोग और व्यापार संवर्धन को मजबूत करने पर सहमत हुए थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने थाईलैंड दौरे के दौरान कहा कि थाईलैण्ड भारत का एक विश्वसनीय और एक मूल्यवान दोस्त है और दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारे करीबी साझेदारों में से एक है। दोनों देशों के बीच, लोगों के मध्य आपसी सम्बन्धों में प्रगाढ़ता आने से दस लाख से अधिक भारतीय प्रतिवर्ष थाईलैण्ड भ्रमण पर जा रहे है।
बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने (बैकॉक)थाईलैण्ड में भारत सरकार के सहयोग से थाईलैण्ड एवं उत्तराखण्ड सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘‘‘इण्डिया योर डेस्टिनी, योर न्यू डेस्टिनेशन’’ (फोकस ऑन उत्तराखण्ड) को सम्बोधित किया। उन्होंने इस आयोजन के लिए भारतीय राजदूत के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि थाईलैण्ड भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की ‘‘लुक ईस्ट’’ और थाईलैण्ड की ‘‘लुक वेस्ट’’ नीति एक दूसरे की पूरक है, जिसमें भारत और थाईलैण्ड द्विपक्षीय व्यापार को बढावा देने के लिये सहयोग के लिए संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। वास्तव में, इसके परिणामस्वरूप, भारत और थाईलैण्ड के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले दशक में दोगुने से अधिक हो गया है और दोनों देशों के बीच के सम्बन्धों से कई क्षेत्रों में व्यापक विस्तार हुआ है। भारत में प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत मजबूत सकारात्मक बदलाव की लहर देखी गई है। आज, हमारा देश अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर रुपये 154.5 खरब की अर्थव्यवस्था के साथ खड़ा है, जो विश्व में भारत की सबसे तेजी से बढती अर्थव्यवस्था का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने औद्योगिक नीति, स्टार्ट-अप पॉलिसी और अन्य सेक्टर-विशिष्ट की नीतियों के माध्यम से नीतिगत पहल कर सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश का नियमित प्रवाह सुनिश्चित किया है। इन पहलों के परिणामस्वरूप उत्तराखण्ड के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 2004-05 से 2015-16 के बीच 16.03 प्रतिशत की एक समग्र वार्षिक वृद्वि दर से वृद्वि हुई है ।’’ईज ऑफ डुईग बिजनेस’’ इस प्रकार की एक और पहल है, जिसके परिणामस्वरूप भारत ने विश्व बैंक ग्लोबल ’’डुईग बिजनेस’’ रैंकिंग में 30 अंको की ऊंची छलांग लगाकर शीर्ष 100 देशों की सूची में अपना स्थान बनाया है। यह पहल राज्य स्तर पर भी कार्यान्वित की जा रही है, जिससे राज्यों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ व्यवसाय को प्रारम्भ करने और उनके संचालन के लिये उपयुक्त वातावरण तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी उद्यमशीलता की भावना, नवीन दृष्टिकोण और एक स्थिर, सुलभ सरकार द्वारा संचालित उत्तराखण्ड विकास की ओर अग्रसर हो रहा है और भारत के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक है, जिसमें एक जीवंत और उत्पादक औद्योगिक वातावरण, निवेशकों के अनुकूल नीतियों, उत्कृष्ट मानव संसाधन, गुणवत्तायुक्त बुनियादी ढांचा, अनुकूल श्रम कानून, पूरे वर्ष उत्कृष्ट मौसम और सामाजिक बुनियादी ढांचा निवेश के लिये मौजूद है।