मिलना भागवत से था और बनाया सरकारी कार्यक्रम

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क्या वाकई में मुख्यमंत्री का रुद्रपुर का दौरा सरकारी था या फिर महज औपचारिकता के लिए दौरा सरकारी बनाकर निसाना कहीं और सादना था? जी हां, सूत्रों की माने तो ये चर्चा आम है कि मुख्यमंत्री ने सरकारी कार्यक्रम बनाकर सरसंघ चालक मोहन भागवत से मिलने के लिए ही अपना कार्यक्रम बनाया था, लेकिन सरकारी संसाधनों का उपयोग कर महज संघ केकार्यक्रम में ना जाने की डचन के चलते पहले कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम का समय निर्धारित किया गया और फिर अधिकारियों के साथ समिक्षा बैठक की औपचारिकता भी रखी गयी, लेकिन सभी जगह समय इतना कम दिया कि सभी के समझ आ रहा था कि सीएम का रुद्रपुर दौरा आखिर क्यो था।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मिलने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को जनता इंटर कालेज में करीब 20 मिनट इंतजार करना पड़ा। क्योंकि भागवत से मिलने का 2:15 का समय निर्धारित था तो कार्यकर्ता सम्मेलन से मुख्यमंत्री बिना खाना खाए ही दौड़ पड़े। जनता इंटर कालेज में उन्होंने 20 मिनट का समय अधिकारियों के साथ मंत्रणा कर गुजारा। इसके बाद करीब 25 मिनट उनकी अकेले में भागवत से वार्ता हुई। इस बीच उन्होंने प्रदेश के हालात पर भागवत से चर्चा की और दिशा-निर्देशन प्राप्त किया।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत यहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के चल रहे संघ शिक्षा वर्ग में हिस्सा लेने आए हैं। वह पिछले चार दिनों से जनता इंटर कालेज में ठहरे हैं। वह किसी से मुलाकात नहीं कर रहे हैं। बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भटट को भी उनकी एक झलक पाने के लिए इंतजार करना पड़ा था। गुरुवार को सीएम का भागवत से मिलने का समय 2:15 बजे निर्धारित था। कार्यकर्ता सम्मेलन में मुख्यमंत्री को काफी समय लग गया। इस बीच उनकी नजर घड़ी की ओर गई तो उन्होंने भोजन करने से इंकार कर जनता इंटर कालेज की ओर रवाना हो गए। मुख्यमंत्री का काफिला इंटर कालेज के बाहर ही रुक गया। खुद मुख्यमंत्री वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं के साथ अंदर चले गए। भागवत से मुलाकात को उन्हें करीब 20 मिनट का इंतजार करना पड़ा। इसके बाद भागवत मिले और उनकी करीब 25 मिनट तक सीएम से बात हुई। सूत्रों की मानें तो भागवत ने मुख्यमंत्री से प्रदेश के हालात पर चर्चा की। सीएम उसके बाद लौट गए। इससे पहले उन्होंने संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात की।