पचास गरीब जोड़ों का वीआईपी विवाह

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हर लडके लड़की की तमन्ना होती है कि उसकी शादी धूमधाम से हो, और वीआईपी उनको आशीर्वाद देने पहुंचे मगर गरीबों की ये हसरत शायद ही कभी पुरी हो पाती हो, मगर बाजपुर के लाडी परिवार ने एसे गरीब पचास परिवारों की हसरत को पुरा किया, जिनके विवाह समारोह को वीआईपी बनाते हुए खुद सूबे के मुख्यमंत्री नवविवाहित पचास जोडों को आशीर्वाद देने पहुंचे, उनके साथ मौजूद थे काबिना मंत्री और आधा दर्जन विधायक।

हजारों की संख्या में बाराती,मेहमान वो भी सभी वीआईपी और समारोह एसा कि सभी देख कर दंग रह जाएं, ये विवाह समारोह का नजारा किसी धनवान का नहीं बल्कि बाजपुर के उन गरीब परिवारों के विवाह समारोह का है जिन्होने सकभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका विवाह समारोह भी वीआईपी हो सकेगा, बाजपुर के लाडी परिवार द्वारा पिछले दस सालों से क्षेत्र के एसे परिवारों का सामुहिक विवाह पुरे रिती रिवाज के साथ कराया जिनके लिए विवाह समारोह में पैसा जुटाना भी मुस्किल हो जाता है, एसे परिवारों को लाडी परिवार एक ही पाण्डाल में विवाह सम्पन्न कराता है, अलग अलग धर्म गुरुओं की मौजूदगी में हर धर्म के लोगों का विवाह एक ही पाण्डाल में काराया जाता है, यही नहीं रस्म के अनुसार विवाहित जोडों को दहेज भी दिया जाता है, और आशर्वाद देने वाले कोई आम नहीं बल्कि खास होते है, खुद सूबे के मुक्यमंत्री ने इन नवविवाहित जोडों को आशीर्वाद देकर गरीब जोडों का मान बढाया।

हिन्दू मुस्लिम और सिख धर्मों से जुडे एसे पचास नवविवाहित जोडे सामुहिक विवाह समारोह में एक बंधन में बंधे सूबे के मुख्यमंत्री जहां आशीर्वाद देने पुहंचे तो हजारों लोग इस विवाह बंधन के साक्षी बने, वहीं लाडी परिवार द्वारा पिछले दस सालों से सामुहिक विवाह समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे अब तक सात सौ से अधिक जोडों का विवाह सम्पन्न कराया जा चुका है, उनके इस प्रयास की जहां सभी ने प्रशंसा।

गरीबों पर बनी तस्वीर तो लाखों में बिक जाती है, मगर गरीबों का दर्द कोई नहीं खरीदता, ये बात भले सटीक हो मगर बाजपुर के लाडी परिवार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को देखकर लगता है कि गरीबों की हसरत को पुरा करने में वो कोई कसर नहीं छोडते, और गरीबों की हसरत को पुरा करने के लिए पुरा परिवार एकजुट होकर सामुहिक विवाह समारोह का आयोजन करता है, जिसमेें वीआईपी मेहमानों को बुलाकर इन जोडों को आशीर्वाद दिया जाता है।