मुख्यमंत्री ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया

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    मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि, “भारत की जनता आज अपने प्रिय नेता को खोकर शोकाकुल है। श्रद्धेय श्री अटल जी के निधन से भारतीय राजनीति के एक युग का अवसान हुआ है। वे भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के एक महान नेता थे।” 

    मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि, “पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में श्रद्धांजलि स्वरूप उत्तराखण्ड में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जायेगा। इस अवधि में राज्य में जहां राष्ट्रीय ध्वज नियमित रूप से फहराये जाते है, वह राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। राज्य में राष्ट्रीय शोक के दिवसों में कोई भी शासकीय मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित नही किये जायेंगे तथा शुक्रवार 17 अगस्त को प्रदेश के समस्त राजकीय कार्यालयों/शिक्षण संस्थाओं/अर्द्धशासकीय कार्यालय बंद रहेंगे।”

    अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव रहा है। अटल जी मसूरी, देहरादून व नैनीताल भी प्रायः आते रहते थे। उन्होंने ही उत्तराखण्ड राज्य के गठन को मंजूरी दी थी। अटल जी ने न केवल अलग उत्तराखण्ड का निर्माण करवाया बल्कि विशेष राज्य का दर्जा देते हुए विशेष औद्योगिक पैकेज भी स्वीकृत किया। उत्तरकाशी की सुरक्षा एवं गंगोत्री आने वाले तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों की सुविधा हेतु वरूणावत पर्वत भूस्खलन के उपचार के लिये उन्होंने विशेष आर्थिक सहायता प्रदान की। उत्तराखण्ड से विशेष लगाव होने के नाते उत्तराखण्ड की जनता सदैव उनकी आभारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेश वासियों की ओर से भी अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साधारण परिवार में जन्म लेकर अटल जी न केवल प्रधानमंत्री जैसे पद तक पहुंचे बल्कि देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था को ऊंचे मुकाम तक ले गए। कवि, पत्रकार, प्रखर वक्ता, राजनेता अटल जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उनकी ओजस्वी वाणी सभी भारतीयों को सम्मोहित कर प्रेरित करती थी। उनकी तर्कसंगतता के सभी लोग कायल थे।

    उन्होंने कहा कि अटल जी का पूरा जीवन राष्ट्रगौरव का प्रतीक होने के साथ ही निर्धनों व वंचितों की सेवा के लिए समर्पित रहा। वे देश के पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया। श्रद्धेय अटल जी ने मई 1998 में पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण कराकर दुनिया को भारत की शक्ति से अवगत कराया। पाकिस्तान ने जब धोखे से कारगिल की चोटियों को कब्जाया तो अटल जी के दृढ़ नेतृत्व में भारतीय सेना ने अद्वितीय पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तानी घुसपैठियों का पूरी तरह से सफाया कर दिया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी के नेतृत्व ने देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी। उनके कार्यकाल में अनेक महत्वपूर्ण आर्थिक व संरचनात्मक सुधार किए गए। स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के माध्यम से राजमार्गों का नेटवर्क स्थापित किया गया। जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से गांवों को सड़कों से जोड़ा गया। इन दोनों परियोजनाओं ने भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अटल जी भारतीय राजनीति के पुरोधा थे। वे आज हमारे बीच नहीं हैं परंतु उनके विचार व आदर्श हमें सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।