मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन केंद्र पहुंचकर वर्षा से उत्पन्न स्थिति का लिया जायजा

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार देर सायं सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन केंद्र पहुंचे और प्रदेश में बारिश से उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए तथा सचिव आपदा प्रबंधन को सभी जिलाधिकारियों से समन्वय बनाने को कहा।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्षा के कारण किसानों को हुए नुकसान के आकलन के निर्देश कृषि विभाग को दिये गये हैं। किसानों की जो भी मदद जरूरी होगी वह की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ सहित अन्य क्षेत्रों की वर्षा के दृष्टिगत निरंतर समीक्षा कर अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है। उन्होंने अधिकारियों को 24 घंटे सतर्क रहने के निर्देश देते हुए कहा कि भूकम्प के अलावा ज्यादातर आपदाएं बरसात के मौसम में ही घटित होती रही हैं, परन्तु पिछले कुछ वर्षों में आपदाएं हर मौसम में आ रही हैं। इसको देखते हुये राज्य को आपदाओं का सामना करने के लिये विशेष तैयारी की आवश्यकता है। जागरुकता और पूर्व चेतावनी से आपदाओं से होने वाले नुकसान को काफी कम किया जा सकता है।

आगामी चारधाम यात्रा को लेकर सड़क सहित सभी व्यवस्था एं समय से पूरा के निर्देश दिये। यात्रा में श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो, इसके लिये आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर की जानी होगी। इस संबंध में उन्होंने स्वयं भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता की है।

वर्षा से राज्य में कोई जनहानि नहीं: सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में वर्षा से उत्पन्न स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्षा के कारण कोई जनहानि नहीं हुई है। सड़क दुर्घटनाओं में टिहरी में दो लोगों की मृत्यु हुई है जबकि मसूरी में पार्किंग की दीवार गिरने से 04 वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। नैनीताल के रामनगर में बस के नदी के बहाव में आने से सवारियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। उत्तरकाशी में आकाशीय बिजली गिरने से भेड़ बकरियों के नुकसान का मुआवजा वितरित कर दिया गया है।

इस मौके पर अपर सचिव आपदा प्रबंधन सविन बंसल, रिद्विम अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।