मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों को मजदूरी समय में सीधे उनके खातों जाए: सीएम

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मुख्यमंत्री रावत ने विधासभा भवन भराड़ीसैंण में प्रदेश में मनरेगा योजना के अन्तर्गत राज्य रोजगार गारंटी परिषद् की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि मनरेगा के अन्तर्गत जल संरक्षण एवं सवंर्द्धन पर विशेष ध्यान दिया जाए। जल स्रोतों को रिचार्ज कराने एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जाए। प्रत्येक जनपद में उन नदियों को चिन्हित किया जाए जिनको पुनर्जीवित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत अच्छा कार्य करने वाले प्रधानों को सम्मानित किया जाए।
  •  मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मनरेगा योजनान्तर्गत लेबर कम्पोनेंट एवं मेटरियल कम्पोनेंट 60 एवं 40 के अनुपात में विकासखण्ड स्तर पर किया गया है, इस अनुपात को जनपद स्तर पर किया जा सकता है।
  • मनरेगा के अन्तर्गत कार्य करने वाले श्रमिकों को मजदूरी निर्धारित अवधि में सीधे उनके खातों में दी जाए।
  • मनरेगा के तहत शौचालय निर्माण की गति तेज की जाए, स्कूलों में भी शौचालय बनाए जाएं।
  • अधिक छात्र-छात्राओं की संख्या वाले स्कूलों में छात्रों एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाये जाए।
  • प्रत्येक क्षेत्र के भौगोलिक वातावरण के अनुकूल उद्यान, बागवानी एवं कृषि को बढ़ावा दिया जाए।
  • पिछले पांच वर्षों में जितना भी वृक्षारोपण हुआ है उसका पूरा सर्वे किया जाए कि कितने वृक्ष लगाए गये एवं कितने प्रतिशत जीवित हैं।