मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के टिव्टर अभियान को एक सेलिब्रिटी पुश तब मिला जब बहुमुखी अभिनेता दीपक डोबरियाल ने उत्तराखंड की पहाडियों में अपने पैतृक गांव की तस्वीरें भी टिव्टर पर पोस्ट की।
सोशल मीडिया के माध्यम से सीएम रावत ने 31 मई को एक मुहिम की शुरुआत की थी। सीएम रावत ने इसके जरिए लोगों से अपील की थी इस गर्मी की छुट्टी में जो भी अपने पैतृक गांव जाएं वह #SelfieFromMyVillage पर अपनी फोटो जरुर शेयर करे।इसका मुख्य कारण था पहाड़ के लोगों को प्रोत्साहित करना और दुनिया के सामने उत्तराखंड के विभिन्न पहलुओं को लाना।
यह पहाड़ी इलाकों से बड़े पैमाने पर पलायन को रोकने और रिवर्स प्रवासन को बढ़ावा देने के प्रयासों का एक हिस्सा था।वहीं सीएम रावत ने टिव्ट किया था कि “पलायन का मुद्दा हमेशा से ही उत्तराखंड के लिए चिंता का विषय रहा है। सरकार से यह उम्मीद की जाती है कि माइग्रेशन के लिए काम करे और हम इस मुद्दे से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं’’।
डोबरियाल, जिन्होंने हाल ही में एक सप्ताह पौड़ी गढ़वाल जिले के अपने गांव काबरा में बिताया था उन्होंने कहा कि हर उत्तराखंडी को गर्व से इस अभियान का हिस्सा बनना चाहिए। “सभी उत्तराखंडियों को अपने गांव में जाने की कोशिश करनी चाहिए और दुनिया को यह दिखाने के लिए इस अभियान में शामिल होना चाहिए कि कैसे हमारी देवभूमि को सर्वश्रेष्ठ प्रकृति का आशीर्वाद उपहार के तौर पर मिला है।”
इस अभिनेता को हाल ही में बॉलीवुड की कॉमेडी फिल्म हिंदी मीडियम में देखा गया था। गांव में रहने के दौरान, डोबरियाल ने अपने रिश्तेदारों के साथ एक परिवार की पूजा में भाग लिया, पहाड़ी क्षेत्रों और जंगलों के पास प्रकृति के बीच समय बिताया, क्षेत्रीय व्यंजनों का लुत्फ उठाया और सम्बंधित ग्रामीणों के साथ बातचीत की जो दूर स्थानों से उनके मिलने के लिए आए थे।
फिल्म तनू वेड्स मनु में ‘पप्पीजी’ के किरदार के लिए सबसे अच्छी तरह से जाने जाते अभिनेता ने कहा कि “यह एक बहुत ही रिफ्रेशिंग ब्रेक था और मैं अगली बार एक लंबे समय के लिए यहां रहना चाहता हूं। मुझे लगता है कि सभी पहाड़ी मूल निवासी देश और दुनिया के विभिन्न भागों में बस गए हैं और अपने परिवारों को अपनी जड़ों से मिलाने के लिए उन्हें अपने गांव लाना चाहिए”।
“डोबरियाल ने कहा कि (पहाड़ियों से)माइग्रेशन की वजह से हमें हमारी जड़ें अपने गांवों को नहीं भूलना चाहिए,”। “उन्होंने कहा जब भी कोई अपने गांव आए हर बार अपने गांवों में पर्यावरण की रक्षा में मदद करने के लिए कम से कम पांच पौधे लगाने का सुनिश्चित करे”। अंत में दीपक ने कहा की फिल्मों में किसी भी किरदार को निभाने में जो मासूमियत है वह शायद मुझे मेरे पहाड़ से मिली है।