उत्तराखण्ड : विकास मंथन में मंत्रियों ने तीन वर्ष की उपलब्धियों के साथ रखी भविष्य की कार्ययोजना

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    मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर आयोजित मंथन में मंत्रियों और विधायकों ने गहन विचार विमर्श कर अपने अपने विभागों की तीन वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए भावी कार्ययोजना रखीं। विधायकों ने अपने क्षेत्र की आवश्यकताओं को बताते हुए सुझाव भी दिए।
    गुरुवार को सीएम आवास स्थित सभागार में आयोजित मंथन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश सरकार की तीन वर्ष की अवधि में किये गये कार्यों का उल्लेख करते हुए विकास की भावी रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मंथन कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर मंत्रिगणों एवं विधायक गणों से हुए विचार विमर्श में राज्य के समग्र विकास की दिशा तय करने को सम्बन्धित महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं। इस मंथन से प्राप्त होने वाला अमृत, प्रदेश को नई दिशा देने में मददगार होगा।
    -मंथन में मंत्रियों और विधायकों ने किया गहन विचार-विमर्श कर दिए सुझाव
    मुख्यमंत्री ने कहा इन तीन वर्षों में हम क्या कर पाये इसका आकलन करने को मिला है। तीन वर्ष की अवधि में राज्य हित में की गई 57 प्रतिशत घोषणाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। अन्य घोषणाओं पर कार्यवाही गतिमान है।
    आर्थिक दशा में सुधार के लिये उठाये गए प्रभावी कदम
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक दशा में सुधार के लिये भी प्रभावी कदम उठाये गये हैं। 15 वें वित्त आयोग ने राज्य को 14 वें वित्त आयोग के स्तर पर हुए नुकसान की भरपाई करते हुए पांच हजार करोड़ रुपये सालाना धनराशि की संस्तुति की है। इसमें राज्य को आगामी वर्षों में 30 हजार करोड़ का लाभ होगा। आपदा मद में राज्य को अब 200 करोड़ रुपये के स्थान पर 1041 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध होगी। राज्य को केन्द्रीय करों की मद से दी जाने वाली धनराशि में भी बढ़ोतरी की गई है। यही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार से वर्षों से लम्बित पेंशन की धनराशि राज्य को दिये जाने का रास्ता साफ हो गया।
    मंथन कार्यक्रम में मंत्रिगणों ने तीन वर्ष के कार्यकाल व भविष्य की कार्ययोजना के आधार पर प्रस्तुतिकरण दिया। बताया गया कि सभी सेक्टर्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु नीति आयोग के जारी ‘‘भारतीय नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड राज्य को सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल किया गया। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2018-19 में 1,98,738 रुपये रही जोकि देश की औसत प्रति व्यक्ति आय से अधिक है।
    ‘सौभाग्य’ के अन्तर्गत शत प्रतिशत घरों का विद्युतीकरण
    प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना ‘‘सौभाग्य’’ के अन्तर्गत प्रदेश के सभी इच्छुक अविद्युतीकृत घरों/परिवारों के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया गया है। राज्य सरकार द्वारा पाइन निडिल एवं अन्य बायोमास आधारित ऊर्जा उत्पादन नीति-2018 जारी की गई है। इसके अर्न्तगत 1060 किलोवाट सम्मिलित क्षमता की 36 योजनाएं तथा 2000 मी.टन क्षमता की दो ब्रिकेटिंग प्लाण्ट योजना निजी विकासकर्ताओं को स्थापना के लिये आवंटित की जा चुकी हैं। इस योजना से वनाग्नि को रोकने के साथ ही स्वरोजगार विकसित होंगे।
    सौर ऊर्जा नीति के अन्तर्गत पर्वतीय श्रेणी में स्थानीय निवासियों के माध्यम से 203 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना हेतु कुल 283 फर्मो को परियोजनाऐं आवंटित की गयी है। हरिपुर एवं तुमरिया जलाशय पर 40 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्रोजेक्ट की स्थापना जिससे 6.8 करोड़ यूनिट बिजली प्रतिवर्ष उत्पादित होगी।
    एक लाख करोड़ के एम.ओ.यू. हुए हस्ताक्षरित
    प्रदेश में आयोजित निवेशक सम्मेलन में एक लाख करोड़ के एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित हुए जिसमें से प्रथम चरण में 19000 करोड़ के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। वर्तमान में 450 प्रोजेक्टस गतिमान हैं, इससे लगभग 56 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। सिंगल विन्डो क्लीयरेंस सिस्टम के अन्तर्गत वर्तमान में लगभग 18 हजार निवेशकों द्वारा पंजीकरण कराया गया है। देहरादून शहर में स्मार्ट सुविधाओं के विकास हेतु1400 करोड़ की धनराशि वाह्य सहायतित परियोजना के अन्तर्गत स्वीकृत किए गए हैं।
    स्वास्थ्य सेवाओं में हुआ सुधार
    चिकित्सा विभाग में चिकित्सकों के कुल 2735 सृजित पदों के सापेक्ष 2045 चिकित्सकों की तैनाती की जा चुकी है। राज्य के 35 प्रमुख चिकित्सालयों पर मरीजों की जांच एवं डाइग्नोस्टिक सुविधा के लिये टेली रेडियोलॉजी सेवा प्रारम्भ की गई है। प्रदेश के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों यथा दून, हल्द्वानी एवं श्रीनगर समेत पिथौरागढ़, पौड़ी, उत्तरकाशी एवं टिहरी जिला अस्पतालों में भी आई.सी.यू. की सुविधा की गई है।
    विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत समस्त राजकीय विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यक्रम लागू किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत बी.एच.ई.एल. रानीपुर, जनपद हरिद्वार एवं किच्छा जनपद उद्यमसिंहनगर में मॉडल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के अन्तर्गत बीस हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से ढाई लाख बच्चों को निःशुल्क दूध की व्यवस्था की गई है।
     27 हेलीपोर्ट किए जा चुके विकसित
    राज्य में 27 हेलीपोर्ट विकसित किए जा चुके हैं। क्षेत्रीय संपर्क योजना के अन्तर्गत देहरादून (सहस्रधारा) को पंतनगर, पिथौरागढ़, चिन्यालीसौड़ एवं गौचर से जोड़ा जा चुका है। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को अंतरार्ष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है।
    पेंशन और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का बढ़ाया गया मानदेय
    द्वितीय विश्वयुद्ध के पूर्व सैनिकों/सैनिक विधवाओं की पेंशन चार हजार से बढ़ाकर आठ हजार प्रतिमाह की गयी है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री का मानदेय  6000 से बढ़ाकर 7500, आंगनबाड़ी सहायिका का मानदेय तीन हजार से से बढ़ाकर 3750 रुपये मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री का मानदेय 3500 सौ रुपये से बढ़ाकर  4750 रुपये किया गया एवं होमगार्डस का मानदेय 13950 से बढ़ाकर 18600 रुपये प्रतिमाह किया गया।
    ऑल वेदर रोड कार्य को 11700 करोड़ रुपये 
    चारधाम यात्रा की महत्ता के दृष्टिगत 889 किमी लम्बी ऑल वेदर रोड का 11700 करोड़ रुपये का कार्य युद्धस्तर पर गतिमान। हरिद्वार में भूमिगत केबलिंग हेतु केन्द्र सरकार से 400 करोड़ का कार्य गतिमान। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के अन्तर्गत 63908 महिलाओं को 5000 रुपए की धनराशि डी.बी.टी. के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है। अल्पसंख्यक कल्याण के लिए प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत 1324 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त की गई है।
    इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री  सतपाल महाराज, ड. हरक सिंह रावत, मदन कौशिक, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, अरविन्द पाण्डेय, राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, रेखा आर्या सहित विधायकगण, मुख्य सचिव  उत्पल कुमार सिंह सहित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं शासन के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।