देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को हरेला पर्व पर रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान के अन्तर्गत मोथरावाला देहरादून में पौधरोपण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक संयोग है कि इस वर्ष गुरु पूर्णिमा व हरेला पर्व एक ही दिन है। उन्होंने गुरु पूर्णिमा व हरेला की सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रिस्पना जलागम क्षेत्र में पौधरोपण के लिए 11 क्षेत्र बनाए गये हैं 31 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं। अधिकांश पौधे पीपल, बरगद व बट के लगाये जा रहे हैं। रिस्पना व कोसी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए गत वर्ष भी व्यापक स्तर पर पौधरोपण किया गया। मोथरावाला में जो पौधरोपण किया जा रहा है, उनकी सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा व वातावरण मिल सके इसके लिए सबको पौधरोपण व पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान देना होगा। हरेला सुख-समृद्धि व जागरूकता का प्रतीक है। हमारे पूर्वजों ने वृक्षों को बचाने के लिए अनवरत प्रयास किये हैं। पीपल, वट व केले वृक्षो का हमारे धार्मिक ग्रंथों में विशेष महत्व था। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को अच्छा पर्यावरण मिले मिले इसके लिए हमें संकल्प लेना होगा।
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि हमें पौधा लगाने के साथ ही उनके संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैव विविधता वाला राज्य है। भारत की कुल कुल जैव विविधता में 28 प्रतिशत योगदान उत्तराखण्ड का है। ईकोलॉजी को बचाने की उत्तराखण्ड पर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्वजों की याद व बच्चों के जन्म व शादी पर वृक्षारोपण करने की पंरपरा को बनाये रखना होगा।
हरेला पर्व पर प्रदेश भर में वृहद स्तर पर पौधरोपण किया जा रहा है। इस बार हरेला पर्व पर 6.25 लाख पौधे लगाये जा रहे हैं। गत वर्ष हरेला पर्व पर 4.50 लाख पौधे लगाये गये थे। इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक विनोद चमोली, भरत चौधरी, भाजपा के नगर अध्यक्ष विनय गोयल, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, जिलाधिकारी देहरादून सी. रविशंकर, अपर सचिव डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।