देहरादून। गुजरात के सूरत स्थित एक कोचिंग सेंटर घटनाक्रम के बाद राजधानी देहरादून में जांच प्रारंभ कर दी गई है। सोमवार को पुलिस व अग्निशमन विभाग की टीमों ने राजधानी के कई कोचिंग सेन्टरों को खंगाला। जहां तमाम तरह की अनियमितता पायी गयी। शिक्षा का हब कहे जाने वाले दून में छोटे बड़े सैकड़ों की संख्या में कोचिंग सेन्टर चल रहे हैं। खास बात यह है कि उनमें से अगर दो -चार कोचिंग सेन्टरों को छोड़ दिया जाये तो अधिकांश के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी तक नहीं है। हालत यह है कि बहुमंजली इमारतों में चलने वाले दो दो, चार चार कमरों वाले कोंचिग सेन्टरों में किसी भी तरह की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। सूरत के तक्षशिला कोचिंग सेन्टर में हुए भीषण अग्निकांड के बाद हरकत में आये पुलिस प्रशासन व अग्निशमन विभाग द्वारा इन कोचिंग सेंटरों को खंगाला जा रहा है। आज अग्निशमन के दस्ते और पुलिस कर्मियों ने ईसी रोड और करनपुर क्षेत्र में चलने वाले तमाम कोचिंग सेन्टर में सुरक्षा के इंतजामों का जायजा लिया गया जहां किसी भी कोचिंग सेंटर में आग बुझाने के उपकरण तक नहीं पाये गये। अग्निशमन विभाग द्वारा अब तक एक दर्जन से अधिक ऐसे कोचिंग सेन्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है।
उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में देशभर से लाखों बच्चे हर साल पढ़ने के लिए आते हैं, जो यहां कोचिंग सेन्टरों में अपनी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी के लिए पढ़ाई करते हैं। भले ही इन कोचिंग सेंटरों द्वारा बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाती हो, लेकिन इनकी सुरक्षा के साथ खुला खिलवाड़ किया जा रहा है। इस पर आज से पहले कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया। राजधानी के तमाम उन क्षेत्रों में जहां बड़े-बड़े कालेज और विश्वविघालय हैं, वहां तमाम कोचिंग सेन्टर चलाये जा रहे हैं जो इन छात्रों से मोटी फीस वसूलते हैं। ज्यादातर कोचिंग सेन्टर दून में बने व्यवसायिक भवनों और काप्लेक्स में चलाये जा रहे हैं। जहां दो चार कमरे किराये पर ले लिये जाते हैं और बेंच और टेबल डालकर कोचिंग सेन्टर बना दिये जाते हैं। प्रशासन अब इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का मन बना चुका है जिससे दून को सूरत जैसे किसी हादसे से दो चार न होना पड़े।