ऋषिकेश, तीर्थ नगरी में कड़ाके की ठंड पड़ रही। घने कोहरे के साथ शीत लहर से लोगों को घरों में कैद होकर रहना पड़ रहा। जबरदस्त ठंड और लुढ़कते पारे से लोगों की हिम्मत घर से बाहर निकलने की नहीं हो सकी। कोहरे का हाल यह रहा कि वाहनों को दिन में लाइटें जलाकर सड़कों पर चलना पड़ा। सुबह छह से 11 बजे तक जबरदस्त शीतलहर रही।
गढवाल का मुख्य द्वार कहे जाने वाली देवभूमि ऋषिकेश में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया जिसके चलते बादलों के साथ घना कोहरा भी छाया रहा। धीरे-धीरे बर्फीली हवाएं भी चलती रहीं। घर से बाहर निकलने वालों की रह-रहकर कंपकपी छूटती रही। सड़कों के किनारे जगह-जगह लोग अलाव जलाकर राहत पाने की कोशिश में जुटे रहे। सुबह जब लोगों की नींद खुली तो कोहरे ने उनका स्वागत किया। दिन चढ़ने के बावजूद कोहरा जमा रहा। सड़कों पर हेडलाइट जलाकर वाहन रेंगते नजर आए।
दोपहर 12 बजे तक शहर में कोहरे का प्रभाव बना रहा। सुबह से ही छाए कोहरे, बादल व बर्फीली हवाएं चलने से लोगों का बुरा हाल हो गया। ठंड से बचने को लोग जगह-जगह अलाव जलाकर तापते देखे गए। बच्चों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ी वे सुबह देर तक रजाई में दुबके रहे। बाजार में ग्राहकों की भीड़ भी कम रही। शहर के बाजारों में जो दुकानें खुली वहां दिनभर सन्नाटा ही पसरा रहा।