उत्तरकाशी, जिले में मौसम के करवट बदलने से उंचाई वाले क्षेत्रों और पहाड़ियों पर हिमपात का होना बुधवार को भी जारी रहा, जबकि निचले इलाकों में हल्की बूंदा-बांदी हुई। हिमपात और बूंदा-बांदी होने से जिले में कड़ाके की ठंड लौट आई है लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं। बर्फबारी के चलते उंचाई वाले आबादी क्षेत्रा के जनजीवन प्रभावित हुआ है।
गंगोत्री व यमुनोत्री घाटी सहित जिले के उंचाई वाले क्षेत्रों और पहाड़ियों पर सर्दी के मौसम शुरू होने पर अब तक पांच बार हिमपात हो चुका है। गत मंगलवार को मौसम ने अचानक करवट बदली और आसमान में घने काले बादल छाने से उंचाई वाले क्षेत्रों सीधे बर्फवारी शुरू हो गई,जिससे निचले इलाकों में तेज सर्द हवायें चलने से लोग ठंड से बेहाल हो गये। रात्रि के समय भी उंचाई वाले इलाकों में बर्फवारी जारी रही।
सुबह निचले इलाकों में हल्की बूंदा-बांदी शुरू हुई,जिससे ठंड और अधिक बढ़ गई और लोग अपने घरों में दुबकने के लिये मजबूर हो गये। ठंड से बचने के लिये बाजार के कई स्थानों पर लोगों ने अलाव का सहारा लिया। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी हीटर का उपयोग करते देखे गये। मंगलवार रात्रि और बुधवार सुबह सुक्की टाप, जसपुर, मुखबा, हर्षिल, धराली, भैरोघाटी, नेलाग, कोपांग और गंगोत्री धाम में भारी मात्रा में हिमपात हुआ है, जिससे इस क्षेत्र की सभी पहाड़ियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गई है। अनुमान के अनुसार गंगोत्री घाटी में एक फिट से अधिक बर्फ जम गई है।
गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अच्छी बर्फवारी होने से इसे बागवानी के लिये लाभकारी माना जा रहा है। बर्फ का नजारा देखने के लिये हर्षिल घाटी में शैलानियों का जमबाड़ा लग गया है। जिले के उंचाई वाले दर्जनों गांव बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है।