राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने टिहरी में नाबालिग बहनों को बंधक बनाने के मामले में लीपापोती करने पर डीएम व एसएसपी को फटकार लगाई। इसके साथ ही आयोग ने नाबालिग बहनों को बंधक बनाने के आरोपी डॉक्टर दंपति को शीघ्र गिरफ्तार करने को कहा।
शनिवार को जारी प्रेस बयान में आयोग सदस्य शैलेंद्र शेखर करगेती ने कहा कि, ‘बाल कल्याण समिति ने डॉ. ललित जैन व उनकी पत्नी डॉ. सुचित जैन के नई टिहरी स्थित आवास से दो नाबालिग बहनों को मुक्त कराया था। दोनों बहनों ने अपने बयान में बताया कि दंपति उनसे घर का काम करवाने के साथ मारते-पीटते भी थे।’
मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद पुलिस ने डॉक्टर दंपति पर मुकदमा को दर्ज कर दिया, लेकिन उनकी गिरफ्तारी से परहेज किया जा रहा है। टिहरी के डीएम व एसएसपी को समझना होगा कि यह बेहद गंभीर मामला है। इस प्रकरण में कोताही बरतना किसी भी सूरत में न्यायोचित नहीं है। आयोग ने श्रम अधिकारी टिहरी को भी प्रकरण का संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई को कहा। उधर, एसएसपी विमला गुंज्याल ने कहा कि प्रकरण की विवेचना चल रही है और यह कार्रवाई पूरी होने के बाद गिरफ्तारी पर निर्णय ले लिया जाएगा।
पिता के पास नहीं लौटना चाहती पीडि़त बहनें
बल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य शैलेंद्र शेखर करगेती, सीमा डोरा, शारदा त्रिपाठी व बल कल्याण समिति की अध्यक्ष ने कविता शर्मा ने देहरादून स्थित बालिका सदन में पीडि़त बहनों से मुलाकात की। बातचीत में बहनों ने अपने पिता के पास वापस लौटने से इन्कार किया, वहीं उनके पिता ने भी दोनों बेटियों की देखभाल में खुद को असमर्थ बताया।