देहरादून। प्रदेश में सत्ता से बेदखल कांग्रेस जनता के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए प्रदेश सरकार को घेरने के लिए सियासी कदम बढ़ाने शुरू कर दी है। इसी कदम के तहत लंबे समय से आन्दोलनरत ग्राम प्रधान संगठन की मांगों को पूरा करने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को पत्र लिखकर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने पत्र के माध्यम से परेड़ ग्राउण्ड देहरादून में लम्बे समय से आन्दोलनरत प्रदेश के ग्राम प्रधान संगठन की ओर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह का ध्यान आकृर्षित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के ग्राम प्रधान अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर पिछले आठ दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं तथा उनकी स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। लेकिन सरकार द्वारा आमरण अनशन पर बैठे पंचायत प्रतिनिधियों की सुध नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार का असली चेहरा सामने आने लगा है।
प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड के आन्दोलनरत ग्राम प्रधान संगठन के बीच जाकर प्रसन्ना मिली है। क्योंकि ग्राम प्रधान संगठन की मांगे न्यायोचित हैं तथा मैं राज्य सरकार से उनकी न्यायोचित मांगों को पूरा करने की अपेक्षा करता हूं।
उन्होंने कहा कि 14 वें वित्त एवं राज्य वित्त से ग्राम पंचायतों को पूर्व में आवंटित धनराशि के स्वरूप में परिवर्तन किया गया है, जिससे पंचायतों के माध्यम से होने वाले विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ग्राम प्रधान संगठन द्वारा पंचायतों को आवंटित धनराशि के स्वरूप को पूर्व की भांति यथावत रखे जाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि उनकी यह मांग पूर्ण रूप से जायज है तथा ग्राम पंचायतों को 14वें वित्त एवं राज्य वित्त से आवंटित धनराशि का स्वरूप पूर्व की भांति यथावत रखा जाना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने यह भी कहा कि राज्य का पंचायतीराज अधिनियम जो विधानसभा से पारित हो चुका है तथा आतिथि तक लागू नहीं किया गया है।
ग्राम प्रधान संगठन विधानसभा में पारित पंचायतीराज अधिनियम को शीघ्र लागू किये जाने की मांग कर रहा है तथा मैं समझता हूं कि उनकी यह मांग पूरी तरह से न्यायोचित है। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेशभर के नगर निकायों के सीमा विस्तार का फैसला लिया गया है जिसमें सम्बन्धित क्षेत्र की जनता एवं पंचायत प्रतिनिधियों की राय को शामिल नहीं किया गया है।
उन्होंने पूर्व में नगर निकायों के सीमा विस्तार का मामला विधानसभा में उठा था तथा सरकार द्वारा सदन को आस्वस्थ किया गया था कि सीमा विस्तार में पंचायत प्रतिनिधियों को विश्वास में लिया जायेगा, लेकिन सीमा विस्तार में सरकार द्वारा पंचायतों को विश्वास में लिये बिना अग्रिम कार्रवाई की गई है, सीमा विस्तार में पंचायतों के प्रतिनिधियों की सहमति ली जानी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उत्तराखण्ड ग्राम प्रधान संगठन की सभी न्यायोचित मांगों पर शीघ्र निर्णय लिया जाय।