भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर कांग्रेस नेताओें द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ताओं को उनकी ‘भड़ास का मंच’ करार दिया है। पार्टी ने कांग्रेस नेताओं को सलाह दी कि प्रदेश सरकार पर निराधार और मनगढ़ंत आरोप लगाने के बजाय वह होमवर्क करें।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय ने यहां जारी बयान में कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आदत में शुमार है कि वह सत्ता जाते ही छटपटाने लगते हैं। प्रदेश की जनता ने लगातार दो बार लोकसभा और विगत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह से नकारा है। कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों आभास हो रहा है कि वह इस सदमे से अभी तक नहीं उबर पा रहे। कांग्रेस नेता अस्तित्व बचाने के लिए आपस में जद्दोजहद कर रहे हैं। इस लड़ाई में कांग्रेस नेता बेवजह भाजपा सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस नेताओं की पत्रकार वार्ताओं में लगाए गए आरोपों को निराधार और घिसा-पिटा बताया। अजय ने कहा कि कांग्रेस नेता विरोध के लिए विरोध की नीति पर काम कर रहे हैं। इसलिए उन्हें प्रदेश सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियां नहीं दिख रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जारी किए गए दृष्टि पत्र पर तेजी से आगे बढ़ रही है। विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डबल इजंन की जो बात कही थी, उसका राज्य को पूरा लाभ मिल रहा है।
भाजपा नेता ने नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के रोजगार के मुद्दे पर उठाए गए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सरकारी नौकरियों में आवेदन के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 42 वर्ष की है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद पहले चरण में 457 प्रोजेक्ट में 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है।इससे भविष्य में 57 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। पिछले तीन वर्ष में 13484 इकाइयों की स्थापना हुई है। इनमें 95847 लोगों को रोजगार मिला है। इंटर कॉलेज के प्रवक्ता पद पर 1353, माध्यमिक स्तर पर 1875 व प्राथमिक स्तर पर 1881 पदों पर नियुक्ति की गई है।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग में 877 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति हुई। फॉरेस्ट गार्ड गार्ड में 1300, पुलिस में 3000, ऊर्जा निगम में 371 पदों पर नियुक्तियां की गई हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की बड़े स्तर पर नियुक्तियां की गईं। सहकारिता विभाग समेत कई अन्य विभागों में नए रोजगार दिए गए। रोजगार व स्वरोजगार के मुद्दे सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में होम स्टे, आयुष व वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा और सर्विस सेक्टर पर विशेष फोकस किया जा रहा है, ताकि रोजगार के अधिक से अधिक द्वार खुलें।