पिथौरागढ़ उपचुनाव की रण में भाजपा और कांग्रेस की दिखेगी सियासी ताकत 

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उत्तराखंड
पंचायत चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की ओर से जीत का दावा अब पिथौरागढ़ उपचुनाव की घोषणा के साथ किया जाने लगा है। दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों में फतह को लेकर माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही हैं। एक ओर जहां भाजपा लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन को लेकर उत्सहित है तो वहीं कांग्रेस अपने हार का सिलसला बचाने के साथ उपचुनाव को फतह करने को आतुर है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ की सीट उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से 25 नवंबर को तिथि तय की गई है। चुनाव के लिए अधिसूचना 30 अक्तूबर तक जारी हो जाएगी। पिथौरागढ़ विधानसभा में पहली बार उपचुनाव हो रहा है। हाल ही में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत से भाजपा-कांग्रेस की चिंताएं उपुचनाव के लिए निश्चित ही बढ़ गई हैं। यही कारण है कि दोनों दल जिलाध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख पर काबिज होने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
राज्य में भाजपा विधानसभा-लोकसभा और निकाय चुनाव में अपने प्रदर्शन को आगे भी जारी रखने के लिए पिथौरागढ़ उपचुनाव में कोई गलतियां नही करना चाहती है। कांग्रेस पिछले दिनों गढ़वाल के श्रीनगर और कुमाऊं के बाजपुर सीट पर जीत दर्ज कर भाजपा को चुनौती देते हुए पार्टी में थोड़ी खुशी भरने में कामयाब रही है। इसी क्रम को जारी रखने के लिए कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव लड़ने का मन बनाएगी। अब देखना है कि ​कांग्रेस सांगठनिक कौशल से मजबूत भाजपा सीट में कैसे सेंध लगाती है। इस सीट पर अगर कांग्रेस जीत दर्ज करती है तो पार्टी के साथ प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की साख बढ़ेगी। लेकिन यह चुनौती कांग्रेस के लिए आसान नही है। क्योंकि कांग्रेस आपसी गुटबाजी और खींचतान से पूरी तरह जकड़ी हुई है।
हरीश रावत को छोड़ दिया जाए तो कोई बड़ा चेहरा कांग्रेस के पास नही है। पूर्व सीएम हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेय और प्रीतम सिंह की जुगलबंदी एक साथ बनाना टेढ़ी खीर है। हालांकि हरीश रावत स्टिंग प्रकरण में कांग्रेस एकजुटता दिखाने की पूरी कोशिश कर रही है शायद यही तराना उपचुनाव में कांग्रेस दिखाए तो कुछ गुल खिल सकता है। लेकिन कई मौकों पर हरीश रावत सहित कांग्रेस के कई अन्य नेता पार्टी से इतर अपना कार्यक्रम चलाते रहते हैं।
भाजपा सांगठनिक एकता के साथ प्रकाश पंत की मार्मिक भावना को इस चुनाव में भुनाने में कोई कोर कसर नही छोड़ेगी। पार्टी की ओर से जीत के लिए​ पूरा खाका अंदरखाने तैयार किया जा रहा है लेकिन अभी पत्ते खुले नहीं हैं। भाजपा से टिकट के लिए सबसे बड़े दावेदार प्रकाश पंत के छोटे भाई भूपेश पंत बताए जा रहे हैं। हालांकि पंत परिवार के बाहर भी पार्टी के कई नेताओं के नाम चल रहे हैं। इनमें केएमवीएन अध्यक्ष केदार जोशी, प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी और नगर पालिका अध्यक्ष राजेन्द्र रावत के नाम भी चर्चाओं में हैं। कांग्रेस की तरफ से पूर्व विधायक मयूख महर का नाम सबसे प्रबल दावेदारों में माना जा रहा है। इसके साथ ही मुख्य प्रदेश प्रवक्ता एमडी जोशी के भी दावेदारी की चर्चा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि कांग्रेस ने पंचायत चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है। अब यही प्रदर्शन यानि अगला टारगेट 2022 है। उनका कहना है कि जनता का मन भाजपा सरकार से दूर होने लगा है जिसका लाभ कांग्रेस को आने वाले चुनावों में मिला है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भटृ भी पार्टी के प्रदर्शन को अपने पक्ष में बताते हुए हर मोर्चे पर बढ़त बनाने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा विकास और काम की​ पार्टी है। इसलिए जनता का भी भाजपा में विश्वास है।
उपचुनाव की तिथियां
चुनाव की अधिसूचना जारी होगी 30 अक्तूबर को जारी होगी, जबकि नामांकन की आखिरी तारीख 06 नवंबर और नामांकन पत्रों की जांच 07 नवंबर तथा नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 11 नवंबर होगी। मतदान 25 नवंबरऔर मतगणना   28 नवंबर को जाएगी।
विधानसभा में मतदताओं की संख्या
पिथौरागढ़ में कुल मतदाता 1,10235 है जबकि पुरुष मतदाता 5,7047 हजार है वहीं महिला मतदाता 5,3188 हजार है। जबकि सर्विस मतदाता 4,143 हजार है। कुल मतदान केंद्र  112 है।